आवाज़ ए हिमाचल
कीव। रूस से जंग लडऩे में मदद के लिए जर्मनी ने लेपर्ड 2 टैंक का पहला बैच यूक्रेन भेज दिया है। जर्मनी के डिफेंस मिनिस्टर बोरिस पिस्टोरियस ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि ये 18 बैटल टैंक्स जंग में यूक्रेन के लिए ये अहम भूमिका निभाएंगे। अभी तक यूक्रेन ने लेपर्ड 2 टैंक पहुंचने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, ये कंफर्म जरूर किया है कि उन्हें टैंक्स मिल गए हैं। काफी बहस और दबाव के बाद जर्मनी ने जनवरी में लेपर्ड 2 टैंक यूक्रेन को देने के लिए हामी भरी थी। डिफेंस मिनिस्टर बोरिस पिस्टोरियस ने कहा कि हमने यूक्रेन को समय पर लेपर्ड 2 टैंक की डिलीवर कर अपना वादा निभाया है।
जर्मनी ने लेपर्ड टैंक के अलावा 2 टैंक रिकवरी व्हीकल और 40 इन्फैंट्री फाइटिंग व्हीकल यानी टैंक को जंग के मैदान तक पहुंचाने वाले वाहन भी यूक्रेन भेजे हैं। लेपर्ड 2 टैंक को चलाने के लिए जर्मनी ने यूक्रेन के सैनिकों को लगभग डेढ़ महीने की ट्रेनिग भी दी है। बीबीसी के मुताबिक लेपर्ड टैंक को खासतौर पर रूस के टी90 बैटल टैंक से मुकाबले के लिए बनाया गया है।
इनका रखरखाव काफी आसान होता है। दूसरे टैंक के मुकाबले इनमें कम फ्यूल का इस्तेमाल होता है। 1986 में जर्मनी ने टैंक की काबिलियत जांचने के लिए एक टेस्ट किया था। इस टेस्ट का वीडियो काफी वायरल हुआ। इस वीडियो में सैनिक ने टैंक की गन के ऊपर बीयर से भरा हुआ एक गिलास रखा। जब टैंक चलना शुरू हुआ तो न ही ये गिलास गिरा और न ही अपनी जगह से हिला। यहां तक कि इसमें भरी बीयर भी नहीं छलकी। टैंक के बेहतरीन डिजाइन की वजह से ये गिलास हिला तक नहीं और टैंक ने अपने टारगेट पर सही निशाना भी साध लिया।
ब्रिटेन ने भी चैलेंजर 2 टैंक दिए
जर्मनी के लेपर्ड 2 टैंक के अलावा यूक्रेन को ब्रिटेन से भी चैलेंजर 2 टैंक मिले हैं। यूके्रन के डिफेंस मिनिस्टर ओलेक्सी रेजनिकोव ने चैंलेंजर टैंक के साथ फोटो पोस्ट कर इनकी तारीफ की। वहीं, ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने यूक्रेनी सैनिकों के वहां पर ट्रेनिंग लेकर वापस लौटने की बात पर कोई जवाब नहीं दिया।