आवाज ए हिमाचल
13 फरवरी। वर्ष 1962 से 1971 के मध्य हुए तीन युद्धों में अतुलनीय सेवाएं देते हुए शहीद हुए सैनिकों के माता-पिता को लगाई गई वार जागीर की राशि प्रदेश सरकार ने बढ़ा दी है। अब उन्हें वार जागीर की राशि सालाना पांच हजार की जगह अब सात हजार रुपए मिलेगी। बढ़ी हुई राशि का लाभ हिमाचल प्रदेश के लगभग 450 परिवारों को मिलेगा। जयराम सरकार ने वर्ष 2020 में वार जागीर की राशि बढ़ाए जाने की बात कही थी। हालांकि अधिसूचना जारी न होने के कारण बढ़ी हुई राशि का लाभ लाभार्थी परिवारों को नहीं मिल पा रहा था। हाल ही में सरकार ने बढ़ी हुई युद्ध जागीर की राशि की नोटिफिकेशन जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद अब घोषणा के बाद के समय से ही बढ़ी हुई राशि का लाभ मिलना शुरू होगा। जिला प्रशासन से वार जागीर के लाभार्थी परिवारों की सूची मिलने के बाद सैनिक कल्याण निदेशालय जिला प्रशासन के माध्यम से ही राशि उपलब्ध करवाएगा।
जाहिर है कि वर्ष 1962 से लेकर 1968 तक देश में युद्ध एमर्जेंसी लगाई गई थी। वर्ष 1962 से 1971 के दौरान चाइना व पाकिस्तान के साथ भारत के युद्ध हुए। इन युद्धों में अपनी सेवाएं देने वाले उन सैनिकों के परिजनों के लिए वार जागीर योजना शुरू की गई, जिनके सभी बेटे उस दौरान सेना में सेवाएं दे रहे थे। इन युद्धों में कई सैनिकों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान भी दिया था। ऐसे सैनिकों के माता-पिता के लिए वार जागीर योजना शुरू की गई। वार जागीर योजना की राशि में बढ़ोतरी करने के लिए सैनिक कल्याण निदेशालय ने प्रदेश सरकार को प्रोपोजल भेजा था। जिस पर सरकार ने राशि बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन इसकी अधिसूचना जारी नहीं की गई थी। अब हाल ही में सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर वार जागीर योजना की राशि को पांच हजार से बढ़ाकर सात हजार रुपए कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 450 परिवारों को लाभ होगा।