आवाज ए हिमाचल
बबलू गोस्वामी, नादौन। प्रथम-दशक के प्रारम्भ में ही जिला हमीरपुर के खण्ड-नादौन के अन्तर्गत भूम्पल के अत्यन्त समीप गांव रंघाड़ में जन्मे सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी, स्वाधीनता-सैनानी व उत्कृष्ट साहित्यकार यशपाल की पुण्यतिथि के अवसर पर यशपाल साहित्य प्रतिष्ठान नादौन में यशपाल साहित्य परिषद् व राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद हमीरपुर के संयुक्त तत्वाधान में श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने यशपाल के साहित्यिक व क्रांतिकारी जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार सांझा किए। बता दें कि यशपाल की कहानियां और उपन्यासों में व्यंग्य भाषा का अधिकतर प्रयोग होता था, जो कि आम जनों में क्रांतिकारी भावनाओं को जागृत करता था।
इस अवसर पर यशपाल साहित्य परिषद् में महासासिव व राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् जिला हमीरपुर के जिलाध्यक्ष नरेश मलोटिया ने बताया कि प्रसिद्ध साहित्यकार यशपाल जिला हमीरपुर की आन-बान और शान थे, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं, क्रांतिकारी कहानियों व उपन्यासों से संपूर्ण भारत में स्वतंत्रता की लहर जगा दी। उन्होंने कहा कि नादौन की इस महान विभूति के साहित्य और क्रांतिकारी विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना आधुनिक साहित्यकारों का परम कर्तव्य है।
इस अवसर पर यशपाल साहित्य परिषद के कोषाध्यक्ष विवेक कुमार, एन.के. भारती, संस्कृत परिषद के प्रदेश महासचिव डॉ. अमित शर्मा सरोच, जिला महासचिव डॉ. विपन कुमार, राज्य सदस्य डॉ. तेज कुमार, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. गिरिराज शर्मा, खंड प्रधान संजीव कुमार, डॉ. अमन शर्मा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।