आवाज़ ए हिमाचल
काँगड़ा। बरसात की बेरहम मौसम से मची तबाही के बाद सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी ने गृहिणयों की रसोई का बजट गड़बड़ा कर रख दिया है। पिछले दो- तीन दिनों के भीतर ही सब्जी के प्रति किलो दाम में दस से बीस रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इन दिनों सब्जी मंडी में सबसे महंगी सब्जी के तौर पर टमाटर एक सौ बीस रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है। चंबा जिला में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी की एक वजह पड़ोसी राज्य पंजाब से सप्लाई आना भी है। इन दिनों सब्जियों की लोकल प्रोडक्शन न होने से डिमांड व सप्लाई में अंतर आ गया है। यह भी सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी का एक कारण माना जा रहा है।
शहर की सब्जी मंडी में पिछले सप्ताह जहां भिंडी चालीस रुपए किलो बिक रही थी, जिसका दाम अब बढक़र साठ रुपए किलो हो गया है। फ्रांसबीन के दाम भी बीस रुपए की बढ़ोतरी के साथ चालीस से साठ रुपए प्रतिकिलो हो गए हैं। प्याज चालीस रुपए प्रति किलो बिक रहा है। टमाटर के दाम सौ से बढक़र एक सौ बीस तक पहुंच गए। बंद गोभी चालीस से बढक़र पचास रुपए प्रतिकिलो पहुंच गई है। सब्जी विक्रेताओं की मानें तो इन दिनों चंबा में लोकल प्रोडक्शन न होने से पंजाब की सप्लाई से काम चल रहा है। डिमांड व सप्लाई के अंतर से दामों में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि काफी समय के बाद सब्जियों विशेषकर टमाटर के दामों में बढ़ोतरी देखी गई है। उन्होंने बताया कि सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी से कामकाज भी प्रभावित हुआ है। उधर, लोगों का कहना है कि सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी से घर का बजट गड़बड़ा गया है। जहां पहले दो से तीन सौ रुपए की सब्जी से हफते भर की रसोई का जुगाड़ हो जाता था। मगर अब यह राशि दोगुनी होकर रह गई है।