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नादौन। श्रीमद्भगवद्गीता हिंदुओं का परम-पवित्र ग्रंथ है, जिसे संपूर्ण विश्व के प्रसिद्ध धर्मों, पंतों, संप्रदायों आदि में पूर्ण आदर दिया जाता है। ब्रह्मपुराण के अनुसार मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी का दिन बड़ा ही महत्वपूर्ण है। द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन अर्जुन को भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसीलिए यह तिथि गीता जयंती के नाम से भी प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त इस एकादशी को “मोक्षदा एकादशी” भी कहते है। भारतवर्ष सहित संपूर्ण विश्व में गीता को परिलक्षित करके गीता जयंती का पर्व बड़ी ही धूमधाम और पूर्ण उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इसी क्रम में खंड नादौन के फतेहपुर में स्थित पूज्य मौनी बाबा कुटिया एवं आध्यात्मिक ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रो. रत्न चंद शर्मा की देखरेख में गीता जयंती का पुण्य पर्व बड़ी ही धूमधाम व पूर्णोत्साह से मनाया गया। इस पर्व के उपलक्ष्य पर हिमाचल के विभिन्न स्थानों से आए हुए गीता साधकों तथा प्राथमिक विद्यालय धनपुर, रंगाड़ व जंगलू, रैल के छोटे छोटे बच्चों ने श्रीमद्भगवद्गीता का विधिवत् पूजन करके गीता के 18 अध्यायों का सामूहिक पाठ किया। विदित रहे कि इस दौरान धनपुर विद्यालय की 4 वर्ष की छात्रा आराध्या ने इस सामूहिक पाठ का नेतृत्व किया, जो कि उसकी अद्भुत क्षमता को दर्शाता है। सामूहिक पाठ के उपरांत प्रो. रत्न चंद शर्मा ने समस्त गीता साधकों को गीता के महत्व तथा उपयोगिता से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि गीता जीवन जीने की अद्भुत कला को सिखाती है। गीता के सिद्धांतों की अनुपालना करने वाला मनुष्य द्वेष, ईर्ष्या, घमंड, अहंकार आदि अवगुणों से मुक्त होकर एकाग्रचित जीवन यापन करता है। आज समाज की विकृतियां हमारी संस्कृति और सभ्यता को न अपनाने से ही बढ़ रही हैं।
इसके अतिरिक्त उन्होंने गीता की शिक्षाओं का प्रसार करने वाले प्राथमिक अध्यापकों अनिल कुमार, सज्जन कुमार, रवि डोगरा, विजय कुमार आदि को भी संस्कार, संस्कृति और सभ्यता से युक्त शिक्षा देने के लिए साधुवाद दिया।
इस अवसर पर विभिन्न स्थलों पर गीता का प्रचार प्रसार करने वाले गीत साधकों तथा छोटे-छोटे बच्चों को भी गीता जयंती के परम पावन उपलक्ष्य पर पुरस्कृत किया गया। इस उपलक्ष्य पर एसडीओ स्वामी कृष्ण मेदान, सुदेश कुमार, निकेश कुमार, संजीव कुमार शास्त्री, नरेश मलोटिया, चित्रा शर्मा, पंकज कौंडल, राकेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, स्वरूप पठानिया, डॉ. मोहन लाल, प्रमोद सिंह पठानिया, संतोष शर्मा, तृप्ता देवी आदि गीता साधक उपस्थित रहे।