मोही गांव के युवाओं ने 25 फीट जमीन में दबी सौ साल पुरानी बावड़ी को निकाल कर किया जीर्णोद्धार

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आवाज ए हिमाचल 

अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर

07 जून। जल है तो जीवन है इस कहावत को अगर चरितार्थ किया है तो बरठी पंचायत के मोही गांव के युवाओं ने। जी हां इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान इन युवाओं ने गांव की सौ साल पुरानी बावड़ी का जीर्णोद्धार किया और हैरानी की बात यह है कि लगभग 25 फीट जमीन में दब चुकी इस बावड़ी को निकालकर अब इसे बिल्कुल पानी लेने के योग्य बना दिया हैै। इस बावड़ी के बारे में इस गांव के बुजुर्गों का कहना है कि लगभग 50 साल पहले सभी गांव वासी इस बावड़ी का पानी पीते थे और वह बड़ा ही मीठा पानी होता था, लेकिन जिस तरह से विकास की गंगा इस क्षेत्र में वही तो नल लगे हैंडपंप लगे और लोगों का रुझान बावड़ी की तरफ कम हो गया । लेकिन हर वर्ष गर्मियों में जहां नलों में पानी कम हो जाता है तो समस्या बढ़ जाती है और कई बार गांव के लिए टैंकरों का प्रबंध करके पानी देना पड़ता है। इन युवाओं मोनिंद्र सिंह ठाकुर, लखबीर, संजीव, कवि व रवि ने बताया कि गांव के बुजुर्गों के मार्गदर्शन में 22 मई को यह अभियान शुरू किया गया था और आज 16×16 की दस पोड़ीयों वाली यह बावड़ी एकदम तैयार है ।

 

उन्होंने बताया कि इस अभियान को शुरू करने से पहले इस अभियान में लगने वाले धन का जुगाड़ कहां से हो यह किसी को मालूम नहीं था। लेकिन जिस तरह से लोग जुड़ते गए और कारवां बनता गया कि धन की कमी अभी तक महसूस नहीं हुई है । लोगों के आपसी सहयोग से ही इतना बड़ा कार्य संभव हो पाया है।  इन युवाओं ने बताया कि गांव के सभी युवाओं ने श्रमदान करके इस कार्य को अंजाम दिया वहीं गांव के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति मुंशी राम ठाकुर 85 साल की आयु में भी लगातार इस कार्य से जुड़े रहे और युवाओं का हौसला बढ़ाते रहे। इसके अलावा अन्य वरिष्ठ लोगों में रामपाल ठाकुर , सुखदेव, धर्म सिंह, रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र सिंह, संतोष कुमार, महेंद्र सिंह, दलेल सिंह ठाकुर, रामपाल , रामचंद ठाकुर, धर्म सिंह और प्रीतम चंद ऐसे नाम है जिनके उत्साह से यह काम एक दिन भी नहीं रुका । अब इन युवाओं का कहना है कि इस बावड़ी के आसपास के क्षेत्र को पक्का करने कथा इसके ऊपर छत डालने का कार्य किया जाना बाकी है।  युवाओं ने दानी लोगों से यह आग्रह किया है कि वह जल ही जीवन है कहावत को चरितार्थ करने के लिए इस अभियान से अवश्य जुड़े।

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