आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीका दौरे से चीन तिलमिला गया है। चीन की अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक अमरीका भारत का इस्तेमाल कर चीन को आर्थिक क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। चीन का सामना करने के लिए अमरीका भारत को आगे ला रहा है। वर्ष 2014 के बाद नरेंद्र मोदी का यह छठा अमरीकी दौरा है। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक अमरीका भारत को सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना रहा है। 12 जून को वाशिंगटन डीसी में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल के इंडिया आइडियाज समिट में ब्लिंकन ने कहा कि मोदी की यात्रा दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों को और मजबूत करेगी। अमरीकी मीडिया ने खुलासा किया कि वाशिंगटन भारत को न केवल फूलों की बारिश देना चाहता है, बल्कि कुछ मीठे केक भी देना चाहता है, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रक्षा विधेयक पर हस्ताक्षर करना है। भारत-अमररका संबंधों में बढ़ावा चीन के खिलाफ अमरीकी रणनीतिक पुनर्संरचना के समय आया है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि वाशिंगटन भारत में मानवाधिकारों के हनन के मुद्दे पर खामोश रहता है, जिसकी अमरीका में व्यापक रूप से चर्चा होती रही है। चीन के बिना किसी भी एशियाई सुरक्षा ढांचे या औद्योगिक श्रृंखला का निर्माण नहीं किया जा सकता है। चीन को संतुलित करने का अंतिम परिणाम संतुलन में शामिल देशों के स्वार्थ की हानि होगी। हम इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि चीन के प्रति अमरीकी रणनीति के पुनर्विन्यास से भारत को दक्षिण एशिया और दुनिया में अपनी स्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि उनकी अमरीका यात्रा से दोनों देशों के लोकतांत्रिक, विविधतापूर्ण और स्वतंत्रता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित संबंधों को और मजबूती मिलेगी। श्री मोदी ने अमरीका और मिश्र की यात्रा पर रवाना होने से पहले मंगलवार को कहा कि अमरीका और भारत के संबंध लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है और उनकी इस यात्रा से ये संबंध और मजबूत बनेंगे। उन्होंने कहा कि हम मिलकर साझा वैश्विक चुनौतियों का मजबूती से सामना कर सकेंगे। श्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं और दोनों दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वस्तु और सेवा क्षेत्र में अमरीका भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग है। महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में की गई पहल से हमारे संबंधों में नए आयाम जुड़े हैं तथा हमारे बीच सहयोग अब रक्षा उद्योग, अंतरिक्ष, दूरसंचार, क्वांटम, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों तक बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि दोनों देश मुक्त, खुले, और समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र के साझा विजन पर भी सहयोग कर रहे हैं।