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-पंडित अमन डोगरा
आज (14 दिसंबर) मोक्षदा एकादशी है। मोक्षदा एकादशी यानि मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है।इस एकादशी का उपवास करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अजुर्न को गीता का उपदेश दिया था, इसलिए मोक्षदा एकादशी का महत्व और बढ़ जाता है। इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। माना जाता है कि इस दिन उपवास रखने और भगवान कृष्ण की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पूर्वजों को स्वर्ग तक पहुंचने में मदद मिलती है। मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि चिंतामणि से की जाती है, मान्यता है कि इस दिन पूजा-अर्चना करने और उपवास रखने से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

एकदाशी तिथि प्रारंभ: 13 दिसंबर, रात्रि 9: 32 बजे सेएकदाशी तिथि समाप्त: 14 दिसंबर रात्रि 11:35 बजे पर
मोक्षदा एकादशी व्रत विधि–
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि के बाद घर और पूजा के स्थान की सफाई करें।
घर के मंदिर में भगवान को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें वस्त्र अर्पित करें।
भगवान को रोली और अक्षत का तिलक लगाकर भोगसवरूप फल आदि अर्पित करें।
इसके बाद नियमानुसार भगवान की पूजा अर्चन कर उपवास आरंभ करें।
विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने के बाद घी के दीपक से भगवान की आरती उतारें।
पंडित अमन डोगरा, संपर्क:9816332100