आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रियंका गांधी वाड्रा की हिमाचल में एंट्री के साथ ही कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है। अब शिमला नगर निगम में महिला की एंट्री का रास्ता खुल गया है। शिमला में महिला पार्षदों ने प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की थी और इसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर दोनों ही पद मांग लिए थे, लेकिन ओकओवर में करीब डेढ़ घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने सभी 24 पार्षदों की राय जानी है। इस राय के बाद शिमला नगर निगम में महिला की एंट्री हो गई है। नगर निगम में मुख्यमंत्री खेमे से टूटीकंडी की पार्षद उमा कौशल और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के खेमे से सिमी नंदा आखिरी दौर तक दमदार भूमिका में नजर आई हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने शिमला नगर निगम में 34 में से 24 सीटें जीती हैं। इन सीटों पर काबिज होने के बाद शुरू हुए मेयर और डिप्टी मेयर की रेस में छोटा शिमला वार्ड से सुरेंद्र चौहान और भट्ठाकुफर से नरेंद्र ठाकुर के नाम सबसे आगे चल रहे थे। इन दोनों नामों पर सरकार कोई संगठन में कोई मतभेद नहीं था। दरअसल भट्ठाकुफर कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इस वार्ड में मेयर या डिप्टी मेयर का पद देकर कांग्रेस शहर और ग्रामीण इलाकों के बीच संतुलन बनाने की तैयारी में थी। इसके बाद महिलाओं ने शनिवार को प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। दोनों पद महिलाओं के लिए आरक्षित करने पर जोर दिया गया, लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री ने रविवार को बैठक में एक-एक पार्षद से मुलाकात की और उनकी राय जानी है। इसके बाद महिला और पुरुष को मेयर और डिप्टी मेयर का पद देने पर सहमति बन गई है। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विक्रमादित्य सिंह, विधायक हरीश जनार्था, इंद्रदत्त लखनपाल, नरेश चौहान और रितेश कपरेट भी उपस्थित रहे।