आवाज़ ए हिमाचल
12 नवंबर।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण बोर्ड की 12वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के लिए वर्ष 2018 में आय सीमा को छह लाख रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर आठ लाख रुपये प्रतिवर्ष किया है। राज्य में सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़े वर्ग के युवाओं को पर्याप्त अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से प्रथम और द्वितीय श्रेणी के पदों के लिए 12 प्रतिशत और तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए 18 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में अन्य पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए ओबीसी आयोग की स्थापना की गई है और इस आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकार द्वारा 52 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में शामिल किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को बैठक में दिए गए सभी सुझावों पर विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी प्रमाण-पत्र तीन वर्ष के लिए जारी करने के मामले पर विचार करेगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य के सभी समुदायों के समान और संतुलित विकास से ही प्रदेश का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास के लिए बेहतर और समान अवसर उपलब्ध करवाना सुनिश्चित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान राज्य में प्रगति और समृद्धि के एक नये युग का सूत्रपात हुआ है। उन्होंने गैर सरकारी सदस्यों से अन्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं का समाधान और उनका विकास सुनिश्चित करने के लिए अपने सार्थक और बहुमूल्य सुझाव देने का आग्रह किया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीन चौधरी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए राज्य सरकार द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय के लिए आरम्भ की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को पेंशन प्रदान करने तथा उनके उत्थान के लिए करोड़ों रुपये व्यय किए जा रहे हैं। मुख्य सचिव श्री राम सुभग सिंह जी ने बोर्ड के सदस्यों से अपील की कि वे अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय को राज्य सरकार द्वारा उनके कल्याण के लिए प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में जागरूक करें, ताकि उन्हें इन योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता संजय गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। बैठक की कार्यवाही का संचालन निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विवेक भाटिया ने किया।