किस ओर से प्रस्ताव आएगा और सरकार किससे चर्चा करेगी। चूंकि पुलिस मुख्यालय या डीजीपी की ओर से इस संबंध में प्रस्ताव ही नहीं आया है। ऐसे में कर्मचारियों से सीधे बात करने पर पेच फंस गया है। उधर, मंगलवार को बैठक होगी या नहीं। सोमवार को बैठक न होने से एक बार फिर पुलिस कर्मियों में मायूसी और नाराजगी का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों का कहना है कि रविवार को मुख्यमंत्री के
आश्वासन के बाद बगावती रुख अपना रहे सिपाहियों ने मेस शुरू कर दी थी। सीआईडी के अधिकारी भी गत दिन घटना- क्रम के बाद पुलिस कर्मियों की हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। ऐसा पहली बार हुआ जब पुलिस कर्मचारियों का इतना बड़ा मूवमेंट हो गया और जानकारी तब हुई जब पुलिस कर्मी मुख्यमंत्री आवास के गेट पर इकट्ठा हो गए। ऐसे में अब सख्त निर्देश दिए गए हैं कि बिना अनुमति पुलिस कर्मियों को कहीं भी जाने न दिया जाए।