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शाहपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा के उपमंडल शाहपुर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान पठानकोट ब्रांच द्वारा 5 दिवसीय श्रीकृष्ण कथामृत का भव्य आयोजन किया जा रहा है। तीसरे दिन की कथा का शुभारम्भ प्रभु चरणों में दीप प्रज्वलन से किया गया।
इस अवसर पर डॉक्टर श्री कांत लगवाल, जोगिंदर पाल महाजन, प्रिंसिपल मूलराज (रिटायर्ड), वरिष्ठ पत्रकार विजय लगवाल एवं रिटायर एक्सईएन रमेश चंद्र धीमान उपिस्थित रहे।
तृतीय दिवस में गुरूदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सौम्या भारती ने कृष्ण भक्त मीराबाई की जीवन गाथा बांचते हुए कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण जी की इस भक्त का हृदय प्रभु के प्रति अथाह प्रेम से भरा हुआ था क्योंकि वो प्रभु को अपने भीतर जान चुकी थी। जिसे जानकर उसके मन के सारे भ्रम मिट गए। यही बात आज हमारे प्रत्येक धार्मिक ग्रंथ, शास्त्र भी कहते हैं कि परमात्मा के मर्म को, भेद को जानो।
उन्होंने कहा कि वेदों में मुनियों और भक्तों ने भी यही कहा है हमने उस परमात्मा को जाना है। मीरा बाई ने कहा ‘पायों जी मैंने राम रत्न धन पायों’। प्रत्येक महापुरुष ने उस परमात्मा को देखने की बात कही, लेकिन आज हम लोग उस प्रभु को देखने की बात पर विश्वास नहीं करते क्योंकि आज तक हमारे समक्ष किसी ने ईश्वर को देखने या दिखाने की बात नहीं की। जिस समय हमें एक पूर्ण सद्गुरु का सान्निध्य मिलता है तो जीव अपने अतः करण में ईश्वर का दीदार करता है। मीराबाई ने अपने गुरु की कृपा से ईश्वर को घट भीतर जाना और तत्कालीन समाज में व्याप्त नारी के प्रति अन्याय एवं सती प्रथा, बलि प्रथा जैसी कुरीतियों का विरोध किया। मीरा का चरित्र एक सशक्त नारी का चरित्र है, जो समस्त नारी समाज के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है जिसने समाज में नारी की गरिमा को पुनर्स्थापित किया।
कथा में साध्वी पुनिया भारती, साध्वी हरिता भारती एवं साध्वी निर्मल ज्योति भारती जी ने सुमधुर कृष्ण भजनों का गायन किया। कथा के अंत में प्रभु की पावन आरती का गायन किया गया, जिसमें सभी संगत ने श्रद्धा से भाग लिया। कथा में भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। कथा के उपरांत संगत के लिए भोजन का प्रबंध भी किया गया।