इसी तरह यदि बारिश 90 से 96 फीसदी के बीच होती है ,तो इसे सामान्य से कम कहा जाता है। 90 फीसदी से कम बारिश यानी सूखा पडऩा कहा जाता है। हालांकि, इंडियन मीटियरोलॉजिकल डिपार्टमेंट यानी आईएमए ने अभी तक बारिश का अनुमान जारी नहीं किया है। स्काइमेट के मैनेजिंग डायरेक्टर जतिन सिंह ने कहा कि ट्रिपल-डिप-ला नीना के कारण दक्षिण-पश्चिम मानसून में पिछले चार बार से लगातार सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अब, ला नीना समाप्त हो गया है। अल नीनो की मानसून के दौरान बढऩे की आशंका और बढ़ रही है, जिसके कारण बारिश कम होने ही संभावना है।
स्काईमेट के अनुसार देश के उत्तरी और मध्य क्षेत्र में कम बारिश होने की सबसे ज्यादा आशंका है। सेंट्रल रीजन गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में जुलाई और अगस्त के महीनों में कम बारिश हो सकती है। वहीं, उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सीजन के दूसरे भाग में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।