मांगों को लेकर गरजे पेंशनर, धर्मशाला में निकाली रोष रैली

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आवाज ए हिमाचल

बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर/धर्मशाला। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के आहवान पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आज शुक्रवार को सभी जिलों के मुख्यालयों में रैली निकाल कर धरना प्रर्दशन किया और अपने हक के लिए आन्दोलन शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन जिला कांगड़ा के प्रधान सुरेश ठाकुर की अगुवाई में पेंशनरों ने शाहिद स्मारक से कचहरी अड्डा धर्मशाला तक और फिर जिलाधीश कार्यालय के प्रांगण तक जोरदार रैली निकाली

इस दौरान पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन जिला कांगड़ा के प्रधान सुरेश ठाकुर ने भारी संख्या में इक्कठे पेंशनर्स को संबोधित करते हुए सरकार पर तीखे तेवरों से प्रहार किया और मुख्यमंत्री से अपील की कि वह शीघ्र ही पेंशनर्स के शिष्टमंडल को पेंशनर्स की मांगों के समाधान करने बारे बातचीत को बुलाए और पेंशनर्स की लंबित पड़ी मांगों को मानने की घोषणा करें नहीं तो पेंशनर्स का आंदोलन उग्र रूप धारण कर सकता है। इसके बाद सुरेश ठाकुर प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवम् जिला कांगड़ा के प्रधान ने पेंशनर्स के साथ मिलकर जिलाधीश कांगड़ा के माध्यम से मांग पत्र मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को सौंपा।

संघ ने सचिवालय स्टाफ संगठन शिमला द्वारा मांगों बारे दिए गए ज्ञापन का और उन द्वारा चलाए गए आंदोलन का भी समर्थन किया है और सरकार से अपील की है सचिवालय कर्मचारी नेताओं को सरकार द्वारा दिए गए नोटिस को वापिस लेना चाहिए नहीं तो सरकार के खिलाफ प्रदेश में प्रदेशव्यापी आंदोलन चलाने से हम पीछे नहीं हटेंगे।

सुरेश ठाकुर ने यह बताया कि पेंशनर्स सरकार से नया कुछ नहीं मांग रहे हैं। केवल अपने संशोधित वेतनमान के वित्तीय लाभ और मंहगाई भत्ते की तीन किश्तों को देने बारे कह रहे हैं। इसके अलावा पेंशनर्स की जे सी सी के गठन करने बारे कह रहे हैं, जिस बारे सरकार आनाकानी कर रही है।

उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट दिखाई देता है कि सरकार की नियत में ही खोट है। सुरेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चेताया कि वह उम्र के हिसाब से पेंशनर्स को बांटने की भी कोशिश न करें और सभी पेंशनर्स की बकाया राशि बारे जल्दी घोषणा करें। हालांकि 75 वर्ष से ज्यादा उमर के पेंशनर्स को उनकी बकाया राशि का भुगतान इसी वित्तीय वर्ष में करने बारे मुख्यमंत्री की घोषणा का संघ स्वागतम तो करता है पर 22.50% बकाया राशि का भुगतान सरकार कब करेगी कोई पता नहीं है।

 

सुरेश ठाकुर ने यह भी बताया कि सरकार बार-बार झूठ पर झूठ कह रही है कि सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक है और प्रदेश में कोई भी वित्तीय संकट नहीं है अगर वित्तीय स्थिति ठीक है तो पेंशनर्स और कर्मचारियों के संशोधित पैंशन और बाकी के वित्तीय लाभ को सरकार क्यों नहीं दे रही है। सरकार सरासर झूठ पर झूठ बोल रही है जो की ठीक नहीं है। सरकार को प्रदेश की वित्तीय स्थिति के बारे में स्वेत पत्र जारी करना चाहिए। जो कर्मचारी 1.1.2016 से लेकर 31.01.2022 तक सेवानिवृत हुए हैं उनके सारे संशोथित वित्तीय लाभ सरकार रोक बैठी है जो सरासर गलत है। सरकार अपने खर्चे कम नहीं कर रही है, मुफ्त की रेवड़ियां बांटी जानें की झूठी घोषणा करती है और अपने लिए वेतन, पैंशन, भत्ते अन्य ढेर सारी सुविधाएं रातों रात बड़ा देते हैं, जिसकी संघ कड़े शब्दों में निंदा करता है। वित्तीय संकट तो पेंशनर्स और कर्मचारियों से नहीं पर इन माननीय मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, सीपीएस, बोर्ड और कॉर्पोरेशन के चेयरमैन से है। सरकार का खजाना तो इन लोगों ने खतम किया है।

 

मुख्य मांगें

1/1/2016 से लेकर 31/01/2022 तक के सेवानिवृत कर्मचारियों के संशोधित ग्रेच्युटी, लीव इंकेशमेंटऔर कम्यूटेशन का एरियर का दिया जाना, मंहगाई भत्ते की तीन किश्तों 12% के हिसाब से देय करना, पेंशनर्स को पेंशन की अदायगी हर महीने पहली तारीख को करना, 31/12/2015 से पहले के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 50% ब 30% पे मैट्रिक्स के हिसाब से वित्तीय लाभ देना, पेंशनर्स की जे सी सी का तुरन्त गठन करना, हिमकेयर योजना को पेंशनर्स, कर्मचारियों ब अन्य के लिए पुनः लागू करना, पेंशनर्स के लम्बित चिक्त्शा बिल्लो के भुगतान के लिए बजट की विशेष एलॉटमेंट करना, कम्यूटेशन की 15 वर्षों की सीमा को 10 वर्ष पंजाब ब हरियाणा सरकार के आधार पर किया जाना, ब ए जी शिमला कार्यालय में पेंशनर्स के संशोधित पैंशन के लंबित मामलों का तुरंत निपटारा किया जाना आदि आदि।

इस दौरान कांगड़ा जिला के सभी पेंशनर्स शाहिद स्मारक के साथ चीलघाहरी रोड पर सुबह 11.00 बजे भारी संख्या में इक्कठे हुए और जिला से आए हुए पेंशनर्स नेताओं ने अपने अपने विचार रखे और सरकार की दमनकारी नीति की कड़ी निंदा की। रैली को सुचारू रूप से अमलीजामा पहनाने में मनमोहन पठानीया, प्रदीप वालिया, जी.एस. डढवाल, सेठ राम, रविंद्र राणा, रोशन सेहोत्रा, सुरेश पठानिया, प्रभात चौधरी, विनोद सूद, कृष्ण पुंडीर, जसवंत धीमान, श्रुति पॉल शर्मा, गुरदेव भारती, पवन धीमन, साहिब सिंह , कृष्ण धनोतिया, रणवीर जमवाल, संत राम कालोत्रा, जग्गो राम, राम स्वरूप शर्मा, फौजा सिंह, बी. एस. महल, यश पॉल सबरवाल, विजय परमार, दलजीत, चंडी दत्त शर्मा, उमेश नाग, बलदेव राही, कैलाश वालिया, आर. पी. शर्मा, देविंद्र कौशल, राजिंदर जरियाल, नरेंद्र थकियाल, बाबू राम चौधरी, जगदीश चौधरी, मुंशी राम, ईश्वर दास, निर्मल धीमान, सरदार जीत सिंह, राम आदर्श शर्मा, जगदीश गुप्ता, प्रेम शर्मा, राजेश राणा, आदि ने सहयोग दिया।

 

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