महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का अमित शाह ने किया ऐलान

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आवाज ए हिमचाल  

19 फ़रवरी। होम मिनिस्टर अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी की रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाई है। परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाने के बाद अमित शाह ने दक्षिण 24 परगना जिला में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा है कि हमारी सरकार राज्य में 33 फीसदी महिलाओं को आरक्षण देगी। कावद्वीप में रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार पश्चिम बंगाल में महिलाओं को 33 पर्सेंट रिजर्वेशन देगी। अमित शाह ने ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी की जंग सोनार बांग्ला के लिए है। हमारे बूथ वर्कर्स और टीएमसी के सिंडिकेट के बीच यह जंग है।

अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य में बीजेपी सरकार बनाना नहीं है। हमारा टारगेट यह है कि राज्य में बदलाव आ सके और बंगाल के गरीबों की स्थिति में सुधार हो सके। राज्य की महिलाओं के लिए हालात बदल सकें। गृह मंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्ता का परिवर्तन नहीं होगा। यह गंगासागर के लिए सम्मान होगा। क्षेत्र के मछुआरों की जिंदगी के लिए बदलाव लाने का प्रयास होगा। सवालिया अंदाज में अमित शाह ने कहा कि क्या जब तक राज्य में ममता बनर्जी की सरकार है, तब तक कोई बदलाव आ सकता है? क्या इस तरह बंगाल प्रगति की राह पर आगे बढ़ सकता है?

दुर्गा पूजा क मामले में तीखा प्रहार 

यही नहीं दुर्गा पूजा के मसले पर ममता बनर्जी पर भी उन्होंने तीखा हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि क्या दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल में नहीं होनी चाहिए? क्या इसके लिए कोर्ट की परमिशन लेने की जरूरत है। क्या सरस्वती पूजा नहीं होनी चाहिए? उन्होंने इसे रुकवा दिया था और बीजेपी के दबाव के बाद ही सरस्वती पूजा शुरू की थी। दीदी, बंगाल यह जानता है कि आपने ही स्कूलों में सरस्वती पूजन की परंपरा को रुकवा दिया था।

रिक्शा पर बैठ कर शरणार्थी कके परिवार के साथ किया भोजन 

अमित शाह ने गुरुवार को कई लोगों से मुलाकात की और बांग्लादेश से आए शरणार्थी परिवार के घर में भोजन भी किया। इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और पार्टी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी उनके साथ थे। दक्षिण 24 परगना जिलाके नारायणपुर जिले में वह सुब्रत बिस्वास के घर खाने पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पार्टी के कई अन्य सीनियर नेताओं के साथ जमीन पर ही बैठकर भोजन किया। यही नहीं बिस्वास के घर खाने के लिए नारायणपुर गांव वह ई-रिक्शा के जरिए गए।

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