आवाज़ ए हिमाचल
27 नवंबर।कांग्रेस नेता व गद्दी महासभा के अध्यक्ष मनोज कुमार ने भाजपा सरकार व प्रसाशन पर नड्डी डल झील पर बिना किसी योजना व नीति के करोड़ों रुपए खर्च करने का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि नड्डी डल झील लाखों लोगों की आस्था का केंद्र व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, लेकिन प्रसाशन व सरकार की अनदेखी के चलते यह दम तोड़ रही है।आज तक सरकार करोडों रुपये खर्च करने के बाबजूद झील के पानी का रिसाव तक नहीं रोक पाई है।हालात यह है कि अब पानी सूखने की बजह से मछलियां मरने को मजबूर है। मनोज कुमार का कहना है कि नड्डी डल झील की लगातार अनदेखी की जा रही है। कुछ साल पहले झील में एकदम से रिसाव शुरू हो गया था, जिससे मछलियां भी मरने लगी। इस दौरान रेत की बोरियां भरकर देसी जुगाड़ करके इस पावन झील के रिसाव को रोकने की कोशिश की गई थी और हजारों की संख्या में मछलियों को शिफ्ट किया गया था। कुछ साल पहले हुए इस घटनाक्रम में मछलियों की जान बचाने के लिए उन्हें खड्डों में भी डाल दिया गया था। इस दौरान बाहर से आने वाले गंदे पानी को निकालने के ड्रेन भी बनाई गई और झील में आठ-आठ फुट सिल्ट को भी निकाला गया,जिस कारण कुछ साल तक राहत भी रही। मनोज कुमार का कहना है कि मौजूदा समय मे मछलियां मर गई, सरकार व प्रशासन मात्र तमाशा ही देखता रहा। उन्होंने कहा कि तीन सालों से लगातार रिसाव जारी है,लेकिन अभी भी सरकार-प्रसाशन की नींद नहीं खुल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चार करोड़ इस झील के सौंदर्यीकरण के लिए स्वीकृत करवाया था, लेकिन इस प्रोजेक्ट पर बिना किसी नीति से काम चल रहा है।उन्होंने कहा कि पूर्व जिलाधीश को स्थानीय लोगों ने झील के लिए कुछ सुझाव दिए थे, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को पूरी तरह से नकार दिया गया। जनता ने इस बात का विरोध भी किया था। स्थानीय लोगों की मांग है कि सबसे पहले झील का सरंक्षण किया जाए।अगर झील ही नहीं होगी तो यह सौन्दर्यकरण किस काम का। उन्होंने कहा कि अगर सही तरीके से काम नहीं किया गया तो स्थानीय लोग बड़े स्तर पर आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि दुःख की बात यह है कि 15 सालों से सरकार व प्रशासन को विशेषज्ञ तक नहीं मिल पाए है। उन्होंने विभागों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि झील के आकार को निकास नाली तक बढ़ाया जाए। झील के चारों तरफ जो सड़क बनाई जा रही है और उसमें स्लेट लगाई जा रही है, उसे रोका जाए, क्योंकि झील में सिल्ट निकालने के लिए भारी वाहन आएंगे तो सड़क की स्लेंटे व सड़क टूट जाएगी। झील में क्रेट वर्क करने की योजना है जिससे न सिर्फ झील की सुन्दरता खराब होगी बल्कि किनारों पर पानी का स्तर भी ऊंचा होगा। जिस तरीके से तिब्बतियन अंत पर घाट बनाया गया है उसी तरह चारों तरफ घाट बनाये जाए,तांकि स्नान पर्व के दौरान लोगों को नहाने की सुविधा मिल सके।झील में स्टोन पीचिंग की जाये ताकि जहां पानी साफ दिखेगा।