आवाज़ ए हिमाचल
कुल्लू। हिमाचल को मनरेगा के तहत मैटेरियल की लंबित राशि 87 करोड़ 21 लाख रुपए जारी कर दी गई है। प्रदेश के सभी जिलों में यह देनदारियां लंबित पड़ी थीं। अब बजट मिलने से पंचायतों में ठप पड़े विकास कार्यों को भी रफ्तार मिलेगी। इसमें प्रदेश के कांगड़ा जिला से 1745.69 लाख रुपए की देनदारी सबसे ज्यादा है, जबकि मंडी जिला की 1488 और चंबा की 1100 लाख रुपए की देनदारी है। इसके अलावा ऊना की 1023 लाख, सिरमौर की 779 लाख, कुल्लू की 663.31 लाख, हमीरपुर की 638 लाख, सोलन की 565 लाख, शिमला की 457 लाख, बिलासपुर की 258 लाख की मनरेगा के तहत मैटेरियल की देनदारी लंबित है, जो कि 31 मार्च, 2023 तक बनती है। अगर बात कुल्लू जिला की करें तो तकरीबन छह माह से लटकी मनरेगा कार्यों की छह करोड़ से अधिक की राशि हाल ही में जारी कर दी है।
इस बात की पुष्टि डीआरडीए कुल्लू की परियोजना अधिकारी डा. जयवंती ठाकुर ने की है। वर्तमान में संबंधित निर्माण कार्य की सामग्री सहित जो भी खरीद-फरोख्त की गई थी, उसकी लंबित राशि अभी हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी कर दी गई है। इसी कड़ी के तहत कुल्लू जिला को भी लंबित राशि विभिन्न प्रकार के मनरेगा से संबंधित कार्यों के लिए प्राप्त हो गई है। जल्द ही इस दिशा में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, ताकि विकास को पंचायत स्तर पर और ग्रामीण परिवेश में पटरी पर लाया जा सके। कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा आनी ब्लॉक से दो करोड़, बंजार की एक करोड़, निरमंड की भी एक करोड़ की देनदारी है। 52 लाख भुंतर, नग्गर की 44 लाख और कुल्लू ब्लॉक की 22 लाख रुपए की देनदारी है।