आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। विकास खण्ड नूरपुर के अंतर्गत पंचायतों के प्रधानों और उप प्रधानों ने आज पंचायतों में मनरेगा के तहत ऑनलाइन हाजिरी के विरोध में एसडीएम नूरपुर गुरसिमर सिंह के जरिये ज्ञापन प्रेषित किया। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री, पंचायती राजमंत्री, पंचायतीराज सचिव, उपायुक्त कांगड़ा और मनरेगा योजना अधिकारी को प्रेषित किया गया।
पंचायत प्रतिनिधि उदय पठानिया, सिकंदर राणा और अभिलाषा चिब ने ज्ञापन सौंपने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की ऑनलाइन हाज़िरी का फ़रमान समझ से पर है।इनका कहना है कि शासन प्रशासन को इस तरह के आदेश पारित करने से पहले जमीनी हक़ीक़त को देखना चाहिए।इनका कहना है कि इस आदेश से मनरेगा के तहत चल रहे काम बुरी तरह प्रभावित हो रहे है। इनकी माने तो कई पंचायतों के सदस्य पूरी तरह अनपढ़ है, जिन्हें स्मार्टफोन के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है और कई सारे सदस्य ऐसे हैं जिनके पास स्मार्टफोन फ़ोन भी नहीं है। ऐसे में वो सदस्य ऑनलाइन हाजिरी कैसे लगाएं। इन पंचायत प्रतिनिधियों की मांग है कि पहले सरकार सभी को स्मार्टफोन उपलब्ध करवाएं और सभी को ट्रेनिंग मुहैया करवाई।
वहीं, कई प्रतिनिधियों का कहना है कि बहुत सारे क्षेत्रों में नेटवर्क समस्या है। जब सिग्नल ही नहीं होगा तो यह प्रक्रिया कैसे अमल में लाई जाएगी। उन्होंने मांग की है कि सरकार इस आदेश को वापिस ले और जिस तरह पूर्व में काम चल है उन्हें चलने दें नहीं तो सभी विकासकार्य पूरी तरह बंद ही जायेंगे।