आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। मणिपुर में करीब तीन महीनों से जारी हिंसा के बीच दो महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में घुमाने के दिल दहलाने वाले वीडियो ने देश को शर्मसार कर दिया है। गैंगरेप के बाद महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने की यह शर्मनाक वारदात चार मई की बताई जा रही है, लेकिन इतने दिनों तक कोई कार्रवाई न होने पर देश भर में रोष देखा जा रहा है। गुरुवार को इस मुद्दे पर संसद ठप हो गई, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को कार्रवाई करने की हिदायत दी, मणिुपर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के झंडे जलाए, देश भर में घटना के खिलाफ प्रदर्शन हुए और पहली बार मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रतिक्रिया देनी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका हृदय पीड़ा और क्रोध से भरा हुआ है। यह घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। मामले में पुलिस ने मणिपुर पुलिस ने हरकत में आते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं। हालांकि, बड़ा सवाल यह है कि दो महीने तक क्यों केंद्र और राज्य सरकार चुप रहीं? वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि यह घटना दिन-दहाड़े घटी है। महिलाओं का चीरहरण कर घुमा रहे लोग बड़ी संख्या में हैं। दोनों महिलाएं रहम के लिए भीख मांग रही हैं। पीडि़त महिलाएं कुकी जनजाति की हैं। बड़ी बात यह है कि इस मामले की शिकायत भी पुलिस में 12 मई को दर्ज करवा दी गई थी।
महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्सा है। विपक्ष भी इसे लेकर हमलावर हो गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को देश कभी माफ नहीं करेगा। मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग को लेकर संसद में भी खूब हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने हिंसा पर चर्चा की अपील की। आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर सरकार मुख्य न्यायधीश की टिप्पणी के बाद भी नहीं जागती है, तो इसका मतलब कि वे सोने का फायदा जानते हैं।