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मकलोडगंज। धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 13वें संस्करण की शुरुआत में गुरुवार को तिब्बती आध्यात्मिक नेता 14वें दलाईलामा की शिक्षाओं और जीवन पर आधारित विजडम ऑफ हैप्पीनेस नामक एक नई डॉक्यूमेंट्री को दिखाया गया। विजडम ऑफ हैप्पीनेस एक बेहद अंतरंग और बेहद सिनेमाई वृत्तचित्र है, जिसमें दलाईलामा के जीवन को दिखाया गया है, जो लगभग 90 साल के हैं, और इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यावहारिक सलाह देते हैं।
पर्यटन नगरी मकलोडगंज के तिब्बतियन इंस्टीट्यूट ऑफ परफार्मिंग आर्ट (टिपा) में धर्मशाला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (डीआईएफएफ) इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 13वें संस्करण की शुरुआत गुरुवार को हुई। इस महोत्सव में चार दिन यानी सात से दस नवंबर तक 80 से अधिक फिल्में दिखाई जाएंगी। इसकी शुरुआत विजडम ऑफ हैप्पीनेस नामक एक बेहद दिलचस्प और बेहद सिनेमाई दिग्गजों का प्रदर्शन हुई, जिसमें दलाईलामा को दिखाया गया है।
इस फिल्म में 21वीं सदी के आध्यात्मिक नेताओं के आधुनिक उद्घाटन से लेकर शास्त्रीय संस्करण तक दिखाए गए हैं। इस फिल्म में दर्शकों की जीवंत प्रतिक्रिया को भी जगाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में तिब्बती लोग शामिल थे। दलाईलामा की बहन, जेटसन पेमा, डीएफ़ के उद्घाटन समारोह के विशेष अतिथि थे, जिसमें पायल कपाडिय़ा की ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट और तिब्बती बच्चों के साथ विलेज स्कूल के छात्र शामिल थे।
फिल्मों में एंड अस, मलयालम फिल्म थडावु (द सेंटेंस), नॉकटर्न्स, पतंगे जैसे छोटे क्षणभंगुर, नाइटचर्स फिल्म निर्माता अनिर्बान बैंड्स और अद्वितीया क्रिएटर्स दुनिया के मानव-व्यापक दृष्टिकोण आदि शामिल की गई।