आवाज ए हिमाचल
05 जनवरी।पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में मीडिया से बातचीत में कहा कि सुक्खू सरकार के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं। अब पानी घोटाला चर्चा का विषय बन गया है। एक तरफ जलशक्ति विभाग के मंत्री उप मुख्यमंत्री चंद अधिकारियों पर कारवाई कर मामला दबाने में लगे हुए हैं वहीं, मुख्यमंत्री उन सरकारी संरक्षण प्राप्त ठेकेदारों और कांग्रेस नेताओं को बचाने में लगे हुए हैं। उपमुख्यमंत्री गला फाड़ फाड़ कर सुक्खू सरकार का दामन पाक साफ होने का दावा कर रहे थे और इधर उनके अपने विभाग में स्कूटर पर पानी ढोकर करोड़ों का घोटाला हो गया। लोगों को पानी पिलाने के नाम पर सत्ता के संरक्षण में फर्जी बिल तैयार कर सरकारी खज़ाने की लूट होती रही और सरकार सोती रही।उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश में और भी चर्चित घोटाले हुए, लेकिन सत्ता के संरक्षण में बिना सड़को कें टैंकर दौड़ाने और पानी की ढुलाई में कार और मोटर साइकिल का इस्तेमाल करने वाला इकलौता राज्य बन गया। पहली बार शिमला के ठियोग में हुए लगभग सवा करोड़ रुपए के पानी आपूर्ति घोटाले मामले में स्कूटर और मारूति कारों पर पानी की आपूर्ति की गई। इसमें आरटीआई के माध्यम सभी वाहनों के नंबर और लोगों के नाम भी उजागर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तो कार्रवाई की है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री घोटाले में अधिकारियों के साथ संलिप्त कांग्रेस नेता और ठेकेदारों को बचाने में लगे हुए हैं। इस कृत्य के लिए उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में दो साल से इस प्रकार की घटनाएं घटित हो रही हैं, लेकिन प्रदेश में सरकार का संरक्षण प्राप्त ठेकेदार दनदना रहे हैं और गलत तरीके से कार्य करते हुए पैसे कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं लांघ चुकी है। हिमाचल में सिर्फ लूट मची हुई है। सरकार विकास कार्य कर ही नहीं पा रही है जबकि कई विभागों में सिर्फ बिल बनाकर सरकारी खजाना लुटाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचार के मामलों की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, ताकि इनके कारनामें उजागर हो सके।जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा कोई विभाग नहीं है जिसमें गोलमाल नहीं हुआ हो। उद्योग, वन, पर्यटन, स्वास्थ्य और कृषि विभाग में कई तरह की धांधलियां होने की शिकायतें आ रही हैं लेकिन इस सरकार से जांच की मांग करना ही गुनाह हो गया है। जो आवाज़ उठाता है उसी के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यहां तक कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को भी निशाना बनाकर मामले दर्ज कर उन्हें डराने का काम किया जा रहा है। हमने पहले ही इनके कारनामों का कच्चा चिट्ठा राज्यपाल महोदय को सौंपा है। अब आम आदमी भी इनके कामों की आरटीआई से सूचना लेकर खुलासे कर रहे हैं जो चिंताजनक और बेहद हैरानीजनक है। सरकार की लोकप्रियता रसातल में जा चुकी है।