भू-स्खलन से ज्वाली-32 मील सडक़ बंद

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आवाज़ ए हिमाचल

ज्वाली। क्षेत्र में शनिवार सुबह से लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस क्षेत्र में बहने वाली नदियां देहर, बराहल, भेड़ खड्ड एवं बाणगंगा में पानी उफान पर रहा। प्राकृतिक शिव मंदिर त्रिलोकपुर के साथ बहने वाली खड्ड भारी उफान पर रही, जिससे मंदिर में जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी मुश्किल का सामना पड़ा। भारी बाढ़ के साथ आए हुए कीचड़ से सारा मंदिर परिसर मिट्टी से भर गया। कोटला में सडक़ें बनी नाले और खेल का मैदान बना तालाब, जिससे सिद्ध शक्तिपीठ मां बगलामुखी मंदिर जाने वाले लोगों को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ा। कोटला बाजार में सडक़ के किनारे बनी हुई नालियां कीचड़ एवं मिट्टी से भरी पड़ी हैं और जरा सी बारिश में राष्ट्रीय राजमार्ग खड्ड में तबदील हो जाता है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर जारी फोरलेन कार्य भी प्रभावित हुआ।

कोटला से 32 मील के बीच जगह-जगह पर सडक़ मार्ग पर भारी वर्षा के कारण दलदल की स्थिति बनी रही, जिससे वाहन चालकों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा। बाद में फोरलेन निर्माण कार्य कर रही कंपनी की जेसीबी द्वारा सडक़ के किनारे नालियां निकालकर पानी को निकाला गया। इसके अलावा जवाली-32मील मार्ग पर घमिरतल पुल के समीप भूस्खलन होने से मार्ग अवरुद्ध हो गया। इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई। जवाली-नगरोटा सूरियां मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन होने के कारण मार्ग अवरुद्ध होता रहा, लेकिन विभागीय जेसीबी ने मलबा को हटाकर मार्ग से यातायात को बहाल करवाया।

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