आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
03 जनवरी।भारत को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए 100 दिन की विशेष कैंपेन चलाई जा रही है।यह कैंपेन सात दिसंबर से 24 मार्च तक चलेगी।यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग स्वास्थ्य खंड मारकंड के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक सिंगला ने देते हुए बताया कि इस कैंपेन के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी तथा आशा वर्कर द्वारा मैपिंग पापुलेशन की स्क्रीनिंग करके संभावित लक्षणों वाले लोगों की पहचान कर उनके स्पूटम( बलगम) सैंपल क्षय रोग ( टीबी )के निदान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।मैपिंग पापुलेशन में चयनित 17 श्रेणियां के लोगों की टीबी होने की संभावना के लिए स्क्रीनिंग कि इस विशेष प्रक्रिया में मुख्यतः मधुमेह रोगी, धूम्रपान करने वाले ,उच्च रक्तचाप वाले रोगी, कैंसर के रोगी ,गुर्दे रोग के रोगी ,मदिरापान करने वाले, कुपोषण तथा पूर्व टीबी रोगी (पिछले 5 वर्ष के) , 60 वर्ष से अधिक आयु के लोग, पिछले दो साल में टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले लोग और सामूहिक आवास स्थान पर रहने वाले लोग जैसे वृद्ध आश्रम, हॉस्टल ,जेलों आदि में रहने वाले शामिल है। टीबी के लक्षणों में मुख्यतः दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार ,रात को पसीना आना ,खून की उल्टी आना ,छाती में दर्द ,सांस का फूलना ,वजन कम होना ,भूख में कमी थकान, गले व दूसरी जगह सुजन( लिंफ नोड ) आदि हैं। इन सभी लक्षणों से अगर कोई भी लक्षण पाया जाता है तो उसका सैंपल उठाकर नजदीकी डीएमसी में भेजा जा रहा है ।इन श्रेणियां के लोगों में अगर उपरोक्त 10 में से कोई भी लक्षण नहीं भी पाया जाता है तो उनका छाती का एक X-ray होना अनिवार्य है । अगर इन श्रेणियां के हर एक व्यक्ति जिसका X-ray भी नॉर्मल पाया जाता है,उसके बलगम में भी टीबी का कोई रोगाणु नहीं पाया गया तो उसको लेटेंट टीबी (छुपी हुई टीबी )के लिए CyTB टेस्ट के द्वारा जांचा जाएगा।अब Cy TB टेस्ट में पॉजीटिव पाए जाने वाले व्यक्ति को टीबी की प्रीवेंटिव मेडिसिन दिलाकर क्षयरोग से बचाए जाने का प्रयास किया जाएगा।इस प्रक्रिया के द्वारा टीबी का आरंभिक स्तर पर ही पता लगाने में मदद होगी तथा देरी से पता लगने के खामियाजा जो समाज को भरना पड़ता है यानी टीवी से ग्रसित व्यक्ति जब अपनी जांच कराता है तब तक वह 10 से 15 लोगों को टीबी बांट चुका होता है । इस नुकसान से भी परिवार तथा समाज को बचाया जा रहा है। यह सरकार की अनूठी पहल है। अतः इस कार्य को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए पंचायत के जनप्रतिनिधियों का तथा स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सा अधिकारियों, सीएचओ, हेल्थ वर्कर तथा आशा वर्कर की अहम भूमिका है ।अन्य विभागों के सभी कर्मचारियों से भी अपील है कि आप इस अनूठी प्रक्रिया में अपनी मूल्यवान भूमिका निभाएं और हमारे भारत को टीबी मुक्त बनाने की मुहिम के सही मायने में हकदार बने। इन प्रयासों से आगे चलकर हम अपनी सभी पंचायतों को शीघ्र अतिशीघ्र क्षय रोग मुक्त करेंगे। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरंतर अथक प्रयास करने होंगे और अवश्य सफल होंगे।