भारत के बंटवारे के लिए कनाडा में वोटिंग, शिमला को ‘खालिस्‍तान’ की राजधानी बनाने का प्लान! 

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आवाज़ ए हिमाचल 

नई दिल्ली। खालिस्तान के समर्थक एक फिर भारत में बंटवारे की साजिश को जोर देने पर लगे हैं। इसके लिए अमेरिका की सिख फॉर जस्टिस यानी SFJ संस्था दुनिया के कई देशों में खालिस्तान के समर्थन में जनमत संग्रह करा रही है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 18 सितंबर को कनाडा में भी जनमत संग्रह हुआ जिसमें करीब 10 से 12 हजार लोगों ने हिस्सा लिया। जनमत संग्रह में लोगों से पूछा गया था- ‘क्या आप भारत से अलग एक नया खालिस्तान देश चाहते हैं?’ भारतीय दूतावास ने कनाडा विदेश मंत्रालय से ‘जनमत संग्रह के विरोध में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि कनाडा ने विचार रखने की आजादी बताकर इस कार्यक्रम पर पाबंदी लगाने से इंकार कर दिया।

  कनाडा के ओंटारियो शहर में यह जनमत संग्रह (Referendum) कराया है। वहीं सिख आतंकवादी संगठन का दावा है कि इसमें 1,10,000 सिखों ने हिस्सा लिया है। सिख फॉर जस्टिस के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्‍नू ने कहा, “हम हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को खालिस्‍तान  देश की राजधानी बनाएँगे।”इसके साथ ही पन्‍नू ने ऐलान किया कि अगले साल 26 जनवरी को भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर पंजाब में  खालिस्‍तान के समर्थन में जनमत संग्रह शुरू होगा।

 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, कनाडा लगभग दस लाख सिखों का घर है। इनमें से अधिकतर खालिस्‍तान के कट्टर समर्थक हैं। उनमें से ज्यादातर मूल रूप से पंजाब के निवासी हैं। खालिस्‍तान समर्थकों को लेकर भारत और कनाडा के बीच अक्‍सर तनावपूर्ण संबंध रहे हैं। कनाडा की ट्रूडो सरकार ने इसे ‘शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रक्रिया’ बताते हुए ओंटारियो में जनमत संग्रह पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

मालूम हो कि इससे पहले 23 जून 1985 को कनाडा के सिख आतंकवादियों ने एयर इंडिया फ्लाइट 182 पर बमबारी की थी, जो अटलांटिक महासागर के ऊपर 31,000 फीट (9,400 मीटर) की ऊँचाई पर मॉन्ट्रियल से लंदन के बीच हवा में किया गया विस्‍फोट था। इसमें सभी 329 यात्री मारे गए थे। इस फ्लाइट का मलबा अटलांटिक महासागर में आयरलैंड के तट पास 190 किमी की दूरी पर गिरा था। मारे गए लोगों में 268 कनाडा के, 27 ब्रिटेन और 24 भारतीय नागरिक थे। 11 सितंबर के अमेरिका पर हमले के बाद यह दुनिया में सबसे खतरनाक हवाई आतंकी हमला माना जाता है।

बता दें कि पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के सहयोग से पन्नू खालिस्तानी आतंकियों को फिर से जिंदा करने की कोशिश करने में लगा हुआ है। उसकी देश विरोधी गतिविधियों को देखते हुए साल 2019 में भारत सरकार ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन को बैन कर दिया था। पन्नू भी भारत में वांछित आतंकी है।

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