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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
29 मार्च। संभव म्यूजिक प्रोडक्शन में पिछले 7 वर्षों से कार्य कर रहे कुमार संभव ने शिव नाथ मिश्रा जैसी हस्ती को पदम भूषण अवार्ड मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है और उन्हे बधाई दी है। बिलासपुर में पत्रकारों से बात करते हुएकुमार संभव ने बताया कि वह वर्ष 2020 से पंडित शिवनाथ मिश्रा से इंडियन क्लासिकल म्यूजिक सीख रहे हैं। बिलासपुर के निवासी कुमार संभव ने देश में कई जगह अपने शो दिए हैं और पंडित देवब्रत मिश्रा के साथ राग मेघ के नाम से उनका प्रोजेक्ट भी चल रहा है। कुमार संभव ने पंजाब यूनिवर्सिटी से सितार में ग्रेजुएशन की है। पिछले वर्ष 11 मार्च को कुमार संभव ने अपनी एल्बम तांडव लॉन्च की थी जिसका विमोचन पंडित शिवनाथ मिश्रा ने किया था। यह कार्यक्रम बनारस में हुआ था इस एल्बम को लोगों ने बहुत पसंद किया है। कुमार संभव का कहना है कि वह अपने गुरु के कदमों पर चलते हुए क्लासिकल म्यूजिक को बढ़ावा देना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि बनारस घराना के सितार वादक शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पंडित शिवनाथ मिश्रा के पहले ये सम्मान पंडित रविशंकर भारत रत्न को मिला था। ये पुरस्कार तबला एवं गायन के क्षेत्र में लोगों को मिलता रहा है, पर तंत्र वादन में कम मिला है।पंडित शिव नाथ मिश्रा को यह सम्मान सोमवार 28 मार्च को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कर कमलों द्वारा प्रदान किया।
पंडित शिवनाथ मिश्र का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में 12 अक्टूबर 1943 में हुआ था। पंडित शिवनाथ मिश्र के पिता का नाम स्व. पं. बद्री प्रसाद मिश्र है। पंडित शिवनाथ मिश्र बनारस घराना से सितार वादक हैं। पंडित शिवनाथ मिश्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में संगीत विभाग में विभागाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं। आठ वर्ष की अवस्था में भारतीय शास्त्रीय संगीत (गायन एवं सितार) की शिक्षा अपने चाचा ठुमरी सम्राट स्व.पंडित महादेव प्रसाद मिश्र से प्राप्त किये थे। पंडित शिवनाथ मिश्रा बनारस के सुप्रसिद्ध संगीत घराने से सम्बन्ध रखते है। इनका मातृ पक्ष गायनाचार्य पंडित बडेरामदास जी से सम्बंधित है तथा पितृ पक्ष ठुमरी सम्राट पंडित महादेव प्रसाद मिश्रा जी से सम्बंधित है। पंडित शिवनाथ मिश्र सितार वादन के साथ-साथ सुरबहार वादन में भी पारंगत है।
पंडित शिवनाथ मिश्र जी ने तीन प्रमुख रागों का निर्माण किया है जिन्हेंअटल कल्याण, शिव मंजरी व गंगा रंजनीके नाम से जाना जाता है। पंडित शिवनाथ मिश्र ने संगीत के प्रचार -प्रसार के लिए विश्व के अधिकतर देशों में प्रोग्राम किया है। जिनमें जर्मनी, इटली, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, स्वीडेन, नॉर्वे, लक्समबर्ग, हॉलैंड, स्लोवेनिया, क्रोएसिआ, ब्रिटेन, इंग्लैंड, कनाडा, अमेरिका, जापान, इजराइल, आदि प्रमुख हैं।