आवाज़ ए हिमाचल
23 मार्च। भारत और पाकिस्तान के बीच आज ऐतिहासिक वार्ता की शुरुआत हुई है। नई दिल्ली में सिंधु जल बंटवारे को लेकर आज से स्थायी आयोग की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई है। यह बैठक करीब ढाई साल के अंतराल के बाद हो रही है। दोनों देशों के बीच साल 1960 की जल संधि के तहत स्थायी सिंधु आयोग की स्थापना की गई थी। इसी आयोग की दिल्ली में 23 मार्च और 24 मार्च को बैठक आयोजित की गई है। बातचीत के लिए पाकिस्तान का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत पहुंचा था। फिलहाल दिल्ली में भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल के बीच सिंधु जल बंटवारे पर चर्चा चल रही है।
सोमवार को भारत पहुंचा पाकिस्तानी दल
पाकिस्तान का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को भारत पहुंचा। सिंधु जल बंटवारे को लेकर हो रही इस चर्चा में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पाकिस्तान के सिंधु आयुक्त सैय्यद मुहम्मद मेहर अली शाह कर रहे हैं जबकि भारतीय पक्ष का नेतृत्व पीके सक्सेना कर रहे हैं। उनके साथ केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण और राष्ट्रीय जल विद्युत ऊर्जा निगम के प्रतिनिधि भी वार्ता में भाग ले रहे हैं।
क्या है बैठक का एजेंडा ?
पाकिस्तानी पक्ष की ओर से जानकारी दी गई है कि स्थायी सिंधु आयोग की साल में कम से कम एक बार बैठक कराने की बात तय की गई थी। इस आयोग की जिम्मेदारी दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के उचित वितरण की निगरानी करना है। इस बैठक में पाकिस्तान, भारत की पाकल दुल और लोवर कलनई हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट की डिजाइन पर आपत्ति व्यक्त करेगा। संधि के अनुसार भारत को पश्चिमी नदियों पर जल विद्युत परियोजनाएं स्थापित करने का अधिकार मिला हुआ है। वहीं पाकिस्तान को इन परियोजनाओं के डिजाइन पर आपत्ति जताने का अधिकार है।
तनाव कम करने पर जोर
पुलवामा कांड के बाद दोनों देशों के बीच बंद हो गई थी बातचीत 2019 में पुलवामा कांड और उसी साल कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद बनी स्थितियों के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच कई मुद्दों पर बातचीत एकदम बंद हो गई थी लेकिन जल बंटवारे पर बातचीत का दौर शुरू होने से दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघलनी शुरू जाएगी।दोनों देशों की सरकारें पिछले कुछ हफ्तों से संबंध सामान्य बनाने के प्रयास कर रही हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाक सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा भी भारत, पाकिस्तान के बीच संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में काम करने की बात कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए युद्ध विराम का उल्लंघन न करने पर बनी सहमति भी इसी कवायद का हिस्सा है।