भाजपा को हराने के लिए धर्मनिरपेक्ष ताकतों का मोर्चा बनाने की जरूरत : सीताराम येचुरी

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आवाज़ ए हिमाचल

श्रीनगर, 25 मार्च। सर्वोच्च प्राथमिकता देश और संविधान को बचाना और लोगों के अधिकारों की रक्षा करना है, इसके लिए भाजपा को सत्ता से हटाना जरूरी है। हमें भाजपा को अलग-थलग करके हराना है। उसके लिए जब भी चुनाव आते हैं, धर्मनिरपेक्ष ताकतों का व्यापक संभव मोर्चा बनाने की जरूरत है। यह बात वीरवार को माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने श्रीनगर में पार्टी नेता एमवाई तारिगामी के आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कही।

उन्होंने कहा कि माकपा संयुक्त मोर्चा बनाने की कोशिश करेगी ताकि भाजपा को सत्ता से बाहर रखा जा सके क्योंकि भगवा पार्टी इसका दुरुपयोग देश के संविधान को नष्ट करने के लिए करती है। उन्होंने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से अपने मतभेदों को अलग रखने और देश को बचाने के लिए आगे आने का आग्रह किया।

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येचुरी ने दावा किया कि देश ने भाजपा के शासन में अर्थव्यवस्था के सबसे खराब पतन को देखा है। बेरोजगारी इतिहास में सबसे खराब है। हमारे 50 प्रतिशत से अधिक युवाओं ने नौकरी की तलाश बंद कर दी है क्योंकि उन्हें ऐसा करने का कोई मतलब नहीं दिखता। लोगों पर आर्थिक हमले हो रहे हैं, भूख, बेरोजगारी, महंगाई चरम पर है। इसका मतलब है कि भारत की स्थिति बहुत तेजी से गिर रही है।

स्वीडन के वी डेम इंस्टीट्यूट की पिछले साल की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए येचुरी ने कहा कि भाजपा चुनावी जीत की वैधता का इस्तेमाल संविधान के मौलिक स्तंभ को पूरी तरह नष्ट करने के लिए कर रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, आज देश में यही हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में कुछ भी नहीं बचा है जो बेचा नहीं जा रहा है। मुनाफा कुछ लोगों को जा रहा है।

5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने पर येचुरी ने अफसोस जताया कि केंद्र के फैसले की सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली माकपा सहित अन्य याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है। सुप्रीम कोर्ट याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जो समय ले रहा है, वह सरकार को जम्मू-कश्मीर में कानूनों को वास्तविक रूप से लागू करने का समय देता है। इसी के कारण भूमि कानून में परिवर्तन, परिसीमन आदि चल रहे हैं। इसलिए हम सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जल्द सुनवाई करने का अनुरोध करते हैं।

येचुरी ने कहा कि माकपा का मानना है कि जम्मू-कश्मीर देश का एक हिस्सा है, लेकिन जिन वादों और आश्वासनों के आधार पर वह भारत में शामिल हुआ है, उसका 100 प्रतिशत क्रियान्वयन होना चाहिए। उन्होंने कहा, सरकार जो असंतोष और अलगाव पैदा कर रही है, वह हमारे देश के हित में नहीं है। इसे ठीक करने की जरूरत है। कश्मीर फाइल्स पर येचुरी ने कहा कि फिल्म को जमीनी हालात को और खराब करने के मकसद से रिलीज किया गया है। हम समझने में विफल हैं कि फिल्म में तत्कालीन राज्यपाल की भूमिका को क्यों नहीं दिखाया गया। उनकी भूमिका को भी उजागर किया जाना चाहिए था। माकपा नेता ने कहा कि पूरे कश्मीर को नुकसान हुआ है, यहां तक कि नेताओं पर भी हमले हुए हैं।

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