आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष महाजन ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। हर्ष महाजन ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली। हर्ष महाजन हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे। यह कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है, वह वीरभद्र सिंह के खास थे। उन्होंने हिमाचल कांग्रेस टिकट सेल सहित मां-बेटे की पार्टी जैसे कई आरोप लगाए।
हर्ष महाजन पार्टी के बहुत पुराने सिपाही थे, उन्होंने आखिर चुनाव से पहले पार्टी का दामन क्यों छोड़ा? यह सवाल हर किसी के जहन में है। वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में बिखराव की स्थिति भी इसका कारण है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एकछत्र नहीं हैं। हर वरिष्ठ नेता खुद को सीएम फेस का दावेदार मान रहा है व हर नेता अपनी राह पर चल रहा है। कुछ लोग टिकट चयन को लेकर हुए निर्णयों को भी इसके पीछे मान रहे हैं।
भाजपा का दामन थामने के बाद हर्ष महाजन का दर्द छलका। उन्होंने प्रेस वार्ता में कई खुलासे किए। हर्ष महाजन ने कहा कि मैंने एनएसयूआई से अपना सफर शुरू किया था। स्टेट सूथ कांग्रेस का पूरे भारत में मेरा सबसे लंबा कार्यकाल था दस साल। मैंने तीन बार चुनाव लड़ा, कोई चुनाव नहीं हारा। जब तक वीरभद्र थे तो कांग्रेस थी। उनका राजनीतिक सलाहकार भी रहा। अब कांग्रेस दिशाहीन हो रही है। आज कांग्रेस लीडरलेस हो गई है। न विजन है न जमीनी स्तर पर कोई काम हो रहा है। वीरभद्र सिंह के जाने के बाद कुछ भी नहीं रहा। मां-बेटे का राज है। छुटभैया नेता घूम रहे हैं। पार्टी में यह सब होता देख मेरे मन को बहुत ठेस पहुंची। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकप्रिय हैं। उनका दूरदृष्टिकोण हैं। भाजपा अच्छे मार्जिन से रिपीट करेगी।