आवाज़ ए हिमाचल
श्रीनगर, 18 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने कश्मीर विश्वविद्यालय के एक शोधार्थी (पीएचडी के छात्र) को गिरफ्तार किया है। रविवार को यह कार्रवाई एक ऑनलाइन पत्रिका में अत्यधिक भड़काऊ और देशद्रोह से प्रेरित आलेख लिखने के आरोप में की गई है।
एसआईए ने शहर के कई स्थानों पर छापे मारकर कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य डिजिटल उपकरणों सहित अन्य तरह की आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। एक अधिकारी ने कहा कि एसआईए ने रविवार को शहर में कई स्थानों पर आतंकवाद और राष्ट्र विरोधी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छापा मारा।
इस दौरान अब्दुल आला फाजिली को हुमहामा स्थित उसके आवास से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि राजबाग में मासिक डिजिटल पत्रिका द कश्मीर वाला के कार्यालय और इसके संपादक फहद शाह और हुमहामा में फाजिली के आवासों पर तलाशी ली गई।
इस मामले में सौरा में पत्रिका के संपादक फहद शाह और अन्य सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने कहा कि फाजिली का आलेख अत्यधिक भड़काऊ व देशद्रोह की श्रेणी में आता है।0इसका मकसद जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करना और आतंकवाद का महिमामंडन करने के साथ स्थानीय युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
अधिकारी ने कहा कि फाजिली का लेख प्रदेश में अशांति फैलाने के उद्देश्य से लिखा गया। लेख की भाषा अलगाववादी तत्वों को आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए प्रोत्साहित करने वाली है। अधिकारी ने कहा कि लेख में बार-बार स्वतंत्रता और आतंकी संगठनों की बयानबाजी का जिक्र यह स्पष्ट करता है कि लेख केवल प्रचार नहीं है बल्कि, यह पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई और उसके प्रायोजित आतंकवादी-अलगाववादी नेटवर्क का नजरिया है।
अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने मौलाना आजाद नेशनल फेलोशिप के माध्यम से मार्च 2021 तक पांच साल के लिए फाजिली को छात्रवृत्ति के तौर पर 30,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया। यह छात्रवृत्ति उसे विश्वविद्यालय के फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग में पीएचडी पूरी करने के लिए दी गई।
द कश्मीर वाला पत्रिका का मालिक फहद शाह फिलहाल जेल में है। उसे इसी वर्ष 5 मार्च को शोपियां में एक अदालत से जमानत मिलने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद उन्हें पहली बार गिरफ्तार किया गया था।