आवाज ए हिमाचल
अजय पंकिल, शाहपुर। जिला चंबा के भटियात विधानसभा क्षेत्र को दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष मिलेगा। भटियात से पहली बार पंडित जयबन्त राम उपमन्यु हिमाचल विधानसभा के अध्यक्ष बने थे। अब एडवोकेट कुलदीप सिंह पठानिया के अध्यक्ष बनने से भटियात को मान सम्मान मिला है। माना जा रहा था कि कुलदीप सिंह पठानिया की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें मंत्री बनाया जाएगा, परन्तु राजनैतिक परिस्तिथियों के मध्यनजर उन्हें एन वक्त पर विधानसभा स्पीकर बनाने का निर्णय लेकर सरकार में जिला चंबा को प्रतिनिधित्व दिया गया है।
पहले भी विधायक व वीरभद्र सरकार में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन रहे पठानिया की भटियात व प्रदेश में एक अलग पहचान है। इलाके में कुलदीप सिंह पठानिया की गिनती एक स्पष्टवादी, जुझारू व साफ छवि के नेता के रूप में की जाती है। अब विधानसभा अध्यक्ष बनने से क्षेत्र के लोगों को पठानिया से कई उम्मीदें जगी हैं, क्योंकि क्षेत्र के कई गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं।
पंडित जयबन्त राम उपमन्यु थे हिमाचल के प्रथम स्पीकर
भटियात से विधायक रहे पंडित जयबन्तराम उपमन्यु हिमाचल विधानसभा के प्रथम स्पीकर चुने गए थे। वह वर्ष 1952 से 1957 तक विधायक रहने के साथ विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। बाद में उनके सुपुत्र स्वर्गीय पंडित शिव कुमार उपमन्यु भी भटियात से कई बार विधायक तथा प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। शिव कुमार उपमन्यु को शांता कुमार, ठाकुर रामलाल तथा वीरभद्र सिंह के मुख्यमंत्रितत्व काल में कैबनेट मंत्री रहने का अवसर मिला।
केवल सिंह पठानिया को बनाया जा सकता है मंत्री
सरकार में क्षेत्र व जातीय समीकरण फिट करने की कवायत में शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। क्षेत्र व जातीय समीकरण ही सुक्खू मंत्रिमंडल के गठन में देरी का कारण माना जा रहा है। माना जा रहा था कि भटियात के विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को इस संसदीय क्षेत्र से राजपूत कोटे से मंत्री बनाया जाएगा, परन्तु अब उनकी स्पीकर पद पर ताजपोशी करने के निर्णय से राजपूत कोटे से केवल सिंह पठानिया की दावेदारी मजबूत दिखने लगी है। यूं तो फतेहपुर से भवानी सिंह भी राजपूत हैं परन्तु संगठन में लंबे समय से विभिन्न जिम्मेदारियों का सफल निर्वहन करते आए केवल सिंह पठानिया की वरिष्ठता को नकारना कठिन है। स्वयं उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी शाहपुर की एक चुनावी सभा में पठानिया को झंडी देने का ईशारा कर गए थे।जयराम मंत्रिमंडल के किसी मंत्री को सबसे अधिक मतों के अंतर से हराने का श्रेय भी केवल सिंह पठानिया को जाता है। पठानिया ने सशक्त व वरिष्ठ मंत्री सरवीण चौधरी को 12 हजार के अधिक अंतर से पराजित कर अपनी मजबूत पकड़ दिखा कर भी अपनी दावेदारी पुख्ता की है। राजनैतिक माहिर भी मानते हैं कि कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के पास वर्तमान समय में केवल सिंह पठानिया के अतिरिक्त कोई बड़ा राजपूत चेहरा नहीं है जो राजपूत मतदाताओं को कांग्रेस के साथ जोड़े रखने की ताकत रखता हो। ऐसे में केवल पठानिया को नजरअंदाज करना कांग्रेस के लिए सुखद नहीं होगा।