भगवान श्री कृष्ण ने भक्त की प्रतिज्ञा का मान रखने के लिए तोड़ दी थी अपनी प्रतिज्ञा: आचार्य पवन शर्मा

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फ्रेंड्स कॉलोनी में भागवत कथा का दूसरा दिन

आवाज़ ए हिमाचल 

शांति गौतम, बीबीएन। फ्रेंड्स कॉलोनी में भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य पवन कुमार शर्मा ने कथा को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब पांडव महाभारत के बाद स्वर्ग की ओर प्रस्थान कर गए तब परीक्षित ने उनका कार्यभार और शासन संभाल लिया। एक दिन वह जंगल में सैर करने को गए थे तभी वे थकहार कर एक ऋृषि समिक के आश्रम में चले गए। वे बहुत प्यासे भी थे।उन्होंने देखा ऋृषि घोर तपस्या में लीन थे। उन्होंने उनके सामने कई बार प्रणाम किया लेकिन ऋृषि पर उनका कोई असर नहीं पड़ा। इस पर नाराज होकर परीक्षित ने एक मरा हुआ सांप लाकर ऋृषि के गले के चारों तरफ डाल दिया। जब शमिक ऋषि के पुत्र श्रृंगी ऋषि ने यह देखा तो उन्होंने क्रोध में आकर परीक्षित को श्राप दे दिया कि आज से सातवें दिन तुम्हारी सांप के काटने से मृत्यु हो जाएगी। इस श्राप के मिलने के बाद परीक्षित ने राजकाज त्याग कर बेटे जनमेजय को सौंप दिया और अगले सात दिन के लिए वेद व्यास के बेटे शुकदेव की शरण में चले गए जहां उनसे उन्होंने प्रवचन वाणी सुनी। इसी को बाद में तैयार करके भगवद पुराण बनाया गया।

महाभारत युद्ध की चर्चा करते हुए आचार्य ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने प्रतिज्ञा की थी कि वे युद्ध में शस्त्र नहीं उठाएंगे लेकिन दूसरी ओर भीष्म ने प्रतिज्ञा की थी कि मैं कृष्ण को शस्त्र उठाने पर मजबूर कर दूंगा। कृष्ण ने रथ के पहिए को अस्त्र की तरह उठा लिया था ताकि भीष्म की प्रतिज्ञा का मान रह सके।

यहां श्रीमद् भागवत ज्ञान महायज्ञ 18 नवंबर से चल रहा है। कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से सायं4:30 बजे तक है, जिसमें प्रतिदिन आसपास के सैंकड़ों लोग प्रतिदिन इस में कथा का श्रवण कर रहे है। इस यज्ञ की पूर्णाहुति को 24 नवंबर होगी। उस दिन कथा का समय प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक रहेगा। कथा में यजमान की भूमिका रमेश भारद्वाज और उनकी पत्नी सुनीता भारद्वाज उपस्थित थे। इसके अलावा नरेंद्र पूरी, रामरतन शर्मा, संतोष शर्मा,मुकेश शर्मा, हर्ष गुलाटी, इंदु ठाकुर वैद्य, पंकज वशिष्ठ, लाजवंती शर्मा सहित अन्य सैंकड़ों लोगों ने कथा का आनंद लिया।

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