भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव की याद में पूरे देश मे लगेंगे 1500 रक्तदान शिविर

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आवाज़ ए हिमाचल

अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
18 मार्च।90 वर्ष पहले भारत की आज़ादी के प्रमुख वीर सपूत भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को फाँसी के फंदे पर लटका कर शहीद किया गया था। अंग्रेज़ी हकूमत की ग़ुलामी को ख़त्म करने के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने वाले इन महान शहीदों की याद में 23 मार्च 2021 को देश फिर से एक इतिहास रचने जा रहा है। देश के महामहिम राष्ट्रपति भी इस इतिहास के साक्षी बनने जा रहे हैं।नेशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस की ओर से शुरू किए गए संवेदना अभियान के तहत इस दिन देश भर में 1500 से ज़्यादा रक्त दान शिविर आयोजित होंगे जिनमे 1.5 लाख के लगभग रक्त यूनिट दान कर शहीदों को श्रधांजलि दी जाएगी। जानकारी देते हुए व्यास रक्तदाता समिति के अध्यक्ष कर्ण चन्देल ने दी। उन्होंने बताया कि
इस यज्ञ में आहुति डालले के लिए आगामी 23 मार्च को चांदपुर के एन आर अस्पताल में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। रक्तदान शिविर 23 मार्च को सुबह 11 बजे से 3 बजे तक लगेगा। शिविर में जिला अस्पताल ब्लड बैंक की टीम रक्तदानियों से रक्त एकत्रित करेगी। नीफा के अंतर्गत बिलासपुर में आयोजित रक्तदान शिविर में व्यास रक्तदाता समिति का साथ एनआर अस्पताल, व्यास नगर समिति, श्री राम नाटक समिति रौड़ा, जिला क्रिकेट संघ बिलासपुर, जिला साइकिलिंग संघ बिलासपुर, जिला बार संघ बिलासपुर, व्यापार मंडल बिलासपुर, व्यापार मंडल कंदरौर, रोटरी क्लब बिलासपुर, श्री राम नाटक समिति डियारा, विश्वकर्मा मंदिर निर्माण समिति डियारा, टेक्सी यूनियन, नव दुर्गा संकीर्तन मंडल,उड़ान थियेटर ग्रुप, रुद्र महादेव संस्था, दर्पण रोटी बैंक व संयुक्त व्यापार मंडल के रक्तसेवक रक्तदान शिविर में बढ़चढ़ कर रक्तदान करेंगे। कर्ण चन्देल ने सभी रक्तदाताओं व रक्तसेविकाओं से निवेदन किया है 23 मार्च को एन आर अस्पताल में पहुंच कर शाहिदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
नीफा द्वारा आयोजित पूरे देश में रक्तदान शिविर की जानकारी देते हुए प्रदेश प्रमुख सारिका कटोच ने बताया कि आगामी 23 मार्च को देश के सभी 28 राज्यों व 8 केंद्र शासित प्रदेशों में एक साथ आयोजित होने जा रहे 1500 से ज्यादा रक्तदान शिविरों का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के महामहिम राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद करेंगे। इस सम्बंध में उनकी लिखित स्वीकृति आ चुकी है।
शिविर में मुख्य तौर पर नशा नहीं, रक्तदान किजिए के साथ शिविर आरंभ किया जाएगा। युवाओं को इस संदेश के साथ देश को स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाने के इस प्रयास में विभिन्न संस्थाओं से युवा भी बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। रक्तदान के इस महा अभियान में आज पूरा देश ही नहीं विदेशों में रह रहे अप्रवासी भारतीय भी इस अभियान से जुड़ चुके है और सभी की सक्रिय भागीदारी से यह अभियान अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। पूरा वर्ष बर्फ से ढके रहने वाले लाहौल स्पीती में पहली बार रक्तदान शिविर आयोजित होगा।पश्चिमी बंगाल के में केवल महिला रक्तदाताओं के शिविर लगाया जाएगा और साथ ही किन्नर समाज के लोग रक्तदान शिविर आयोजित कर इस क्षेत्र में एक नई शुरुआत करेंगे। ब्रह्म कुमारी के मेडिकल विंग, राष्ट्रीय रक्त संचरण परिषद (एनबीटीसी), इंडियन रेडक्रास सोसायटी, नैशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल असोसीएशन, इंडीयन सोसायटी आफ ब्लड ट्रैन्स्फ़्यूज़न एंड इम्यूनोहाईमटोलोजि और अन्य सामाजिक संगठनों के सहयोग से चलने वाले राष्ट्रव्यापी अभियान में एक ही दिन 1500 से अधिक रक्तदान शिविर लगाए जाएँगे जिनमे लगभग 1.5 लाख यूनिट रक्त इकट्ठा कर करोना काल में रक्त की कमी को दूर करने में एक बड़ा हिस्सा डाला जाएगा। लक्ष्य यह कि कोरोना काल में जरूरतमंदों को खून की कमी न हो ओर देश में हर वर्ष रक्त की होने वाली कमी को समाप्त किया जाए। उन्होंने बताया कि भारत में हर वर्ष आवश्यकता से 20 लाख यूनिट रक्त कम इकट्ठे होते हैं ओर करोना संकट में यह कमी इस से बहुत ज्यादा होने वाली है। क्योंकि जहां सोशल डिस्टन्सिंग, करोना के भय, शैक्षणिकसंस्थाओं के बंद रहने के कारण रक्तदान कम हो रहा है वहीं भारत में रक्तदान को लेकर भ्रांतियाँ भी हैं, जिनके कारण लोग रक्तदान करते हुए डरते हैं। विश्व में दूसरे सबसे ज़्यादा आबादी का देश ओर लगभग 65 करोड़ की सर्वाधिक युवा जनसंख्या होने के बावजूद मात्र एक से डेढ़ प्रतिशत युवा रक्तदान करते हैं। हर वर्ष इतनी बड़ी संख्या में रक्त की कमी हमें सोचने पर मजबूर करती है। इसी प्रकार करोना में प्लाजमा के अनेक बैंक खुलने ओर लाखों लोगों के करोना पॉसिटिव से नेगेटिव होने के बावजूद प्लाजमा डोनर की संख्या नगण्य है। देश भर में रक्तदान के फ़ायदे बताने के लिए ये अभियान शुरू किया गया है, ताकि सभी को ये पता चले कि रेगुलर रक्त दान करने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने का ख़तरा कम हो जाता है, उनमें लिवर कैन्सर व पीलिया की सम्भावना कम हो जाती है, मोटापा कम होता है व गम्भीर बीमारियों के टेस्ट निशुल्क हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त हर रक्त दाता अपनी एक यूनिट रक्त के दान से चार लोगों की जान बचाता है। इस मुद्दे पर पूरे देश को जागरूक करने के लिए निफा के साथ पूरे देश में 1000 से अधिक संस्थाएँ संवेदना अभियान के तहत एक जुट होकर जागरूकता अभियान चला रही हैं। संवेदना से कटोच ने बताया कि इस अभियान के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सॉफ़्ट्वेर व मोबाइल ऐप भी लॉंच की जाएगी, जिसमें देश भर के रक्त दाताओं का डेटा होगा व किसी को भी देश के किसी भी हिस्से में रक्त की आवश्यकता होने पर उसकी ज़रूरत उस शहर के उस रक्त ग्रूप के दानियों के माध्यम से पूरी हो जाएगी।

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