- जान जोखिम में डालकर पशुओं के उपचार के लिए गए थे बड़ा भंगाल
- बड़ा भंगाल के लोगों से निरंतर संपर्क में प्रशासन: डॉ. निपुण जिंदल
- वन विश्राम गृह बड़ा भंगाल में विद्यार्थियों को दी कक्षाएं लगाने की अनुमति
आवाज़ ए हिमाचल
बबलू सूर्यवंशी, धर्मशाला। पिछले दिनों जिला कांगड़ा के अति दुर्गम क्षेत्र बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार के लिए गई वेटनरी टीम को इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। उपायुक्त कार्यालय में आज वीरवार को पत्रकारों को जारी एक बयान में जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में बड़ा भंगाल के लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी कि उनके पशुओं में किसी बीमारी का संक्रमण हो रहा है, जिससे उनकी जान तक जा सकती है। उन्होंने बताया कि समस्या की गंभीरता को समझते हुए जिला प्रशासन ने पशुपालन विभाग की चार सदसीय टीम को त्वरित प्रभाव से बड़ा भंगाल के लिए रवाना किया।
उन्होंने कहा कि वेटनरी सर्जन डॉ. सचिन सूद की अगुआई में पशु पालन विभाग की चार सदसीय टीम ने बड़ा भंगाल में पांच दिन प्रवास कर वहां पशुओं का उपचार किया। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग की टीम को बड़ा भंगाल में पशुओं के उपचार में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए उन्हें यहां से पूरी तरह से आवश्यक दवाईयों और आपूर्ति से लैस करके भेजा गया था। डीसी ने कहा कि इनका सेवाभाव और कार्य के प्रति समर्पण को देखते हुए इस वर्ष जिला स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में पशूपालन विभाग की इस टीम को सम्मानित करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है।
तीन दिन की कठिन पैदल यात्रा कर पहुंचे बड़ा भंगाल
जिलाधीश ने कहा कि पशु पालन विभाग के डॉ सचिन सूद, फार्मासिस्ट विनय कुमार, कुलदीप कुमार तथा सहायक मदन कुमार पहली अगस्त को चंबा के रास्ते पैदल बड़ा भंगाल के लिए रवाना हुए। उन्होंने बताया कि तीन दिन की कठिन यात्रा कर वेटनरी टीम 4 अगस्त को बड़ा भंगाल पहुंची और उन्होंने वहां पहुंचते ही पशुओं का उपचार शुरु कर दिया। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग की इस टीम ने बड़ा भंगाल में लगभग 175 पशुओं का उपचार किया। उन्होंने बताया कि टीम द्वारा इस दौरान बड़ा भंगाल में लंपी वायरस से बचाव के लिए 175 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया।
स्वास्थ्य खराब होने पर किया रेस्क्यू
डॉ. निपुण जिंदन ने कहा कि बड़ा भंगाल गई टीम ने सात अगस्त शाम को सेटेलाइट फोन के माध्यम से जिला प्रशासन को सूचना दी कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है और डॉ. सचिन सूद के पैर में मौच आ गई है। उन्होंने कहा कि साथ ही वेटनरी टीम ने यह भी जानकारी दी कि बड़ा भंगाल में पुलिया का निर्माण कर रहा एक स्थानीय व्यक्ति फिसल कर गिरने से गंभीर रूप से चौटिल हुआ है और उसे चिकित्सा उपचार की जरूरत है। डीसी ने कहा कि जिला प्रशासन ने सूचना मिलते ही पांचों लोगों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए भारतीय वायु सेना से संपर्क साधा।
उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह सहारनपुर से वायु सेना के दो चॉपर कांगड़ा एयरपोर्ट से बड़ा भंगाल के लिए रवाना हुए और उनको वहां से एयरलिफ्ट कर सुरक्षित कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा चौटिलों के प्राथमिक उपचार के लिए पैरामेडिक्स की एक टीम को भी चॉपर के साथ बड़ा भंगाल भेजा गया। उन्होंने बताया कि कांगड़ा एयरपोर्ट पहुंचने पर सभी लोगों को टांडा अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहा उनका उपचार चल रहा है।
वन विश्राम गृह बड़ा भंगाल स्कूलों के लिए अधिसूचित
उपायुक्त ने बताया कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते बड़ा भंगाल में ब्यास नदी पर बने दो पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्रशासन को मिली थी। उन्होंने बताया कि पुलों के क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय बच्चों को क्षेत्र में संचालित राजकीय प्राथमिक और उच्च पाठशाला में जाने में दिक्कत हो रही थी। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए इसे देखते हुए वन विश्राम गृह बड़ा भंगाल के भवन को स्कूलों के लिए उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत कुछ दिन पूर्व अधिसूचना भी जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए वहां कक्षाओं का संचालन अब पहले की भांति ही हो रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सेटेलाइट फोन के माध्यम से निरंतर बड़ा भंगाल के लोगों के संपर्क में है। डीसी ने कहा कि भविषय में भी वहां किसी भी प्रकार की दिक्कते से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।