ब्यास ने लिया रौद्र रूप, जलमग्न हुई छोटी काशी

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आवाज़ ए हिमाचल

मंडी। पूरे प्रदेश में पिछले दो दिन से मूसलाधार बारिश का दौर लगातार जारी है। बारिश के कारण मंडी जिला में भी सभी नदी नाले उफान पर हैं। वहीं ब्यास नदी उफान पर आने के कारण मंडी का पंचवक्त्र महादेव मंदिर भी जलमग्न हो गया है। हालांकि रविवार सुबह के दौरान पंचवक्त्र मंदिर के परिसर तक ब्यास नदी का पानी पहुंच गया था। लेकिन देर शाम छह बजे के बाद ब्यास नदी ने रौद्र रुप धारण कर लिया है। जिसके चलते दशकों बाद पंचवक्त्र मंदिर पूरी तरह डूब गया है। शाम तक पानी मंदिर के गुबंद तक पहुंच गया। बाढ़ ने मंदिर के साथ स्थित सुकेती खड्ड पर बने लोहे का (ब्रिज) पुल भी चपेट में ले लिया है। जबकि करीब 100 वर्षो बाद ब्यास नदी ने विक्टोरिया ब्रिज पुल छुआ है। पानी के उफान को देखकर लोगों में खौफ का माहौल है। क्योंकि छोटी काशी मंडी के लोगों ने ब्यास नदी का इतना भयंकर रुप कभी नहीं देखा था। इसके अलावा दूसरी तरह हनुमानघाट भी पानी में डूब गए हैं।

वहीं दूसरी तरह सुकेती खड्ड में जलस्तर बढऩे के कारण पानी जैंचू नौण के पास बनी झोंपडिय़ों के करीब पहुंच गया है। जबकि सुकेती में पानी रुकने से विश्वकर्मा मंदिर परिसर व लोगों के घरों में पानी घुसा गया है। बारिश के कारण अधिकांश सडक़ मार्ग बंद हो गए है। जिस कारण बस स्टैंड के पास दर्जनों पर्यटकों की बसों जमघट लग गया है। वहीं सुकेती खड्ड में जलस्तर बढऩे के कारण विद्युत विभाग के ट्रांसफार्मर व खंभे भी बह गए हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे 6 मील और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। वहीं, वैकल्पिक मार्ग भी पूरी तरह से बंद हैं और लोग फंस कर रह गए हैं। मंडी जिला में देर शाम तक कुल्लू-मंडी एनएच समेत करीब 203 सडक़ मार्ग पूरी तरह बंद है। इसमें सब डिवीजन थलौट के तहत 32 सडक़ें, सराज में 49, सुंदरनगर में एक, सरकाघाट में नौ, धर्मपुर में 34, मंडी-दो में 22, करसोग में 22, गोहर में चार, जोगिंद्रनगर मेें 18 और पधर में 11 सडक़ें भारी बारिश के कारण बंद हो गई है। समस्त सडक़ों को बहाल करने का कार्य जोरों पर जारी है।

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