बोह हादसा:बारखी पर अपनों को याद कर फिर फुट-फुट कर रोई बोह घाटी

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एक बच्चें सहित 10 लोगों की हुई थी मौत,अलग-अलग जगह मनाई बारखी

आवाज़ ए हिमाचल

   तरसेम जरियाल,बोह

03 जुलाई।शाहपुर की बोह घाटी आज एक बार फिर गमगीन है।एक साल पहले भारी बारिश के चलते हुए भूस्खलन में काल का ग्रास बने एक बच्चे सहित 10 लोगों की पुण्यतिथि (बारखी)मनाई गई।परिजनों ने अपने-अपने रीतिरिवाजों के हिसाब से इस हादसे में बिछड़े परिवार के सदस्यों की बारखी (पुण्यतिथि)मनाई।इस दौरान पूजा अर्चना के साथ उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।10 परिवारों ने अलग-अलग जगह बारखी मना इस हादसे के मृतकों को याद किया।इस दौरान पूरी घाटी एक बार फिर चींख पुकार से गूंज उठी।परिजन अपनों को याद कर खूब रोए।हालांकि 12 जुलाई को इस हादसे को एक साल होगा,लेकिन तिथियों के हिसाब से मृतकों की बारखी 10 दिन पहले मनाई गई।


यहां बता दे कि पिछले साल 12 जुलाई को सुबह शाहपुर की बोह घाटी में रुलेहड़ में हुए भूस्खलन के चलते एक बच्चें सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी।इस हादसे ने पूरे हिमाचल को हिला कर रख दिया था।कई दिन तक रेस्क्यू चला कर बड़ी मुश्किल से मृतकों के शवों को तलाशा जा सका था।बोह घाटी में एक साथ कई शव जलाए गए थे।इस हादसे में एक ही परिवार के पांच लोगों की भी मौत हुई थी।डेढ़ साल की एक बच्ची को भी मौत ने नहीं बख्शा था।


हादसे में रुलेहड़ बाजार में दुकान करने वाले सुभाष व उनका बेटा शिव प्रसाद उर्फ रामू की मौत हो गई थी।इस जिस दिन यह हादसा हुआ उस दिन शिव की पत्नी व मां टांडा में थे।दो दिन पहले ही उनके यहां बेटे ने जन्म लिया था।भीम सिंह का तो पूरा परिवार ही इस हादसे में खत्म हो गया।इस परिवार की एक ही बेटी बची है,जबकि भीमसेन,उनकी पत्नी मस्तो देवी,बेटा कार्तिक व नीरज तथा बेटी ममता की मौत ही गई।
डेढ़ साल की बच्ची शबनम की भी इस हादसे में मौत हो गई थी।
कंचना देवी पत्नी मेघ राज,शकुंतला देवी पत्नी प्रकाश चंद की भी इस हादसे में मौत हुई थी।
इस हादसे में कई लोग घायल भी हुए थे।कई लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद ज़िंदा निकाला गया था।

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