आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सदर ब्लॉक मारकण्ड के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ अनादि गुप्ता के दिशा निर्देश में गुरूवार को राजकीय उच्च विद्यालय बोहट कसोल में किशोर स्वास्थ्य दिवस मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्याध्यापक जोगिंदर ठाकुर ने की।
हेल्थ एजुकेटर मस्त राम ने उपस्थित जनसमूह को तथा किशोर व किशोरियों को किशोर स्वास्थ्य के छः पहलुओं बारे में विस्तार से बताया जैसे पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, नशा, चोट एवं हिंसा, प्रजनन स्वास्थ्य तथा गैर संचारी रोग।
इन पहलुओं पर विशेष चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 10 से19 आयु यानि किशोरावस्था जीवन का वसंत काल माना गया है। किशोरावस्था में बच्चे के शारीरिक, मानसिक तथा सामाजिक बदलाव इतनी तेजी से होते हैं कि अगर उसको इन बदलावों के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी प्रदान की जा सके तो बच्चा बहुत अच्छा और स्वस्थ नागरिक बन सकता है और गलत रास्तों पर जाने से बच सकता है। इस इस काल में बच्चों में बहुत ऊर्जा होती है उन्हें नई नई चीजें सीखने की इच्छा रहती है। इस उम्र में बच्चे को उसकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए एक अच्छी परामर्शदाता की जरूरत रहती है यह परामर्शदाता उसके अभिभावक हो सकते हैं उसके स्कूल के शिक्षक हो सकते हैं तथा इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में नई दिशा केंद्र जैसी सुविधाएं हर ब्लॉक में खोली गई है। जहां पर किशोर स्वास्थ्य परामर्श दाता बच्चों की काउंसलिंग करते हैं तथा उनकी हर समस्या का समाधान तथा निदान भी करते हैं। इसी उद्देश्य के साथ प्रतिमाह किशोर स्वास्थ्य दिवस राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि नशीली दवाओं के सेवन तथा इसके अवैध व्यापार के विरुद्ध विशेष रूप से चर्चा की ताकि लोगों को नशे के दलदल में गिरने से बचाया जा सके और एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके। क्योंकि नशे की गिरफ्त में आए हुए व्यक्ति अपनी पूरी क्षमता को किसी भी कार्य में नहीं लगा पाते। नशा समाज के लिए कलंक है। इसकी अधिक जानकारी के लिए सरकार द्वारा एक टोल फ्री नंबर 1800-11-0031जारी किया गया है। जिसमें इसके बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने बताया कि अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए अगर बच्चों ने अचानक से दोस्त बदल लिए, उनमें चिड़चिड़ापन, जेब खर्च बढ़ने के लक्षण ,देर रात्रि तक घर लौटने, थकावट, बेचैनी, सुस्त, शरीर पर निशान, खून आदि के दाग धब्बे आंखों में लाली, थकावट ,भूख में कमी ,वजन का लगातार कम होना, आंखें मिला कर बात न कर पाना आदि लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत उन्हें नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक के पास अवश्य दिखाएं परामर्श लें तथा उपचार ही पाएं और अपने बच्चों को नशे से मुक्त करवाएं। उपस्थित अभिभावकों को एड्स, डेंगू मलेरिया स्क्रब टायफस फीवर के बारे में विस्तृत जानकारी दी इस दिवस पर 55 लोगों ने भाग लिया।