आवाज़ ए हिमाचल
चंडीगढ़। पंजाब पुलिस के अधिकारियों और जवानों को इस साल बैसाखी की छुट्टी नहीं मिलेगी, क्योंकि कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह के फरार होने के मद्देनजर 14 अप्रैल तक उनकी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। अमृतपाल ने अकाल तख्त के जत्थेदार से सिखों के जमावड़े ‘सरबत खालसा’ की जो मांग की थी, उसे अभी खारिज नहीं किया गया है। ऐसे में आशंका है कि ‘त्योहार की आड़’ में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा की जा सकती है। पुलिस को संदेह है कि भगोड़ा अमृतपाल राज्य भर के विभिन्न गुरुद्वारों में बैसाखी से संबंधित सिखों की सभा को अलगाववादी रंग दे सकता है। कट्टरपंथी उपदेशक ने शीर्ष सिख निकाय, अकाल तख्त के प्रमुखों से 14 अप्रैल को बैसाखी के अवसर पर पंजाब के बठिंडा में ‘सरबत खालसा’ आयोजित करने के लिए कहा था।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने अधिकारियों को भेजे अपने संदेश में कहा कि सभी राजपत्रित और अराजपत्रित अधिकारियों के सभी अवकाश बैसाखी तक रद्द कर दिए गए हैं, जिसमें पूर्व में स्वीकृत अवकाश भी शामिल हैं। राज्य भर में पुलिस कार्यालयों के प्रमुखों को भी 14 अप्रैल तक कोई नया अवकाश मंजूर नहीं करने को कहा गया है।
अमृतपाल 18 मार्च से फरार है और गिरफ्तारी से बच रहा है। उधर, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि कोई ‘सरबत खालसा’ नहीं बुलाई जाएगी। हालांकि, त्योहार मनाने के लिए तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब में तीन दिवसीय वार्षिक मंडली आयोजित की जाएगी। वार्षिक मंडली और सरबत खालसा में एक उल्लेखनीय अंतर है। यह बैसाखी को चिह्नित करने के लिए एक सभा है। गुरुवार को जारी प्रेस रिलीज की आखिरी पंक्ति में कहा गया है कि 12 से 14 अप्रैल तक तीन दिवसीय समागम का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर समुदाय अधिक से अधिक संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए।