बैंग्लोर के सूरज ने बाइक पर घूमा पूरा हिमाचल, सांस्कृतिक विविधता में दिया एकता का संदेश 

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आवाज़ ए हिमाचल

बबलू शाहपुर, शाहपुर। बैंगलोर में एक शीर्ष आईटी कंपनी में क्लाउड इंजीनियर के रूप में काम करने वाले सूरज अग्रहारा रघु ने दो महीनों में पूरे हिमाचल प्रदेश की यात्रा मोटरसाइकिल पर करके सांस्कृतिक विविधता में एकता का संदेश दिया है। सूरज ने कहा की उसकी इस लंबी मोटरसाइकिल यात्रा का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता में एकता को प्रोत्साहित करना था।

वीरवार को शाहपुर पहुंचे सूरज ने बताया कि जब वह बच्चा था तब से ही उन्हें भारत की सांस्कृतिक विविधता का अध्ययन करने में बड़ी रुचि थी। वह कहते हैं कि भारत में अन्य भागों की संस्कृतियों को देखना और समझना उन्हें बहुत पसंद है। हिमाचल प्रदेश को भारत के एक संस्कृतिक समृद्ध प्रदेश के रूप में जाना जाता है, इसलिए उन्होंने यहां घूमने का फैसला किया।
सूरज ने बताया कि 14 फरवरी को उसने अपनी यात्रा बेंगलुरु से शुरू की और दो महीनों में इसे पूरा किया। इस दौरान उन्होंने लगभग 5000 किलोमीटर तक मोटरसाइकिल पर यात्रा की। वह कहते हैं कि उन्होंने हिमाचल प्रदेश के दूरस्थ गांवों का दौरा किया जहां तक शहरी जनजीवन अभी भी पूरी तरह से नहीं पहुंच पाया है। इस दौरान उन्हें यह जानने का मौका मिला कि दूरस्थ गांवों में बिना आधुनिक उपकरणों के लोग कैसे प्राकृति से जुड़ कर जीवन व्यापन कर रहे हैं।
उन्होनें इस दौरान तोश, कुथला, पुलगा, तिरथन, शोजा, स्पीति, चितकुल, कोमिक, चिचम, नाको और काजा जैसे दूरस्थ स्थानों का दौरा किया और स्थानीय लोगों से उनकी संस्कृति के बारे में पूछा।

उन्होंने कहा कि वे अपनी यात्रा के माध्यम से देश भर में विविधता में एकता का संदेश फैला रहे हैं। उन्होंने बताया कि भविष्य में वे एक-एक करके देश के अन्य भागों को भी देखने का इरादा रखते हैं।
सूरज ने बताया कि उन्होनें अपनी यात्रा मोटरसाइकिल के साथ बैंगलोर से शुरू की थी। वह अपनी बाइक लेकर ट्रेन में बैठ बैंगलोर से चंडीगढ़ आए थे। चंडीगढ़ पहुंचने के बाद, वह अपनी मोटरसाइकिल पर बैठकर हिमाचल प्रदेश की ओर चले गए। वह यात्रा के बाद बताते हुए कहते हैं कि यह उनके जीवन का सबसे अद्भुत अनुभव था। उन्होनें इस यात्रा से बहुत कुछ सीखा जैसे कि संस्कृतिक विविधता, स्थानीय जीवन शैली, विभिन्न भाषाएँ और लोगों के साथ प्राकृति की गोद में अच्छी तरह से बिताया हुआ समय काफी बेहतरीन था। सूरज ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। विविधता में एकता ही यहां की असल खूबसूरती है।

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