दोनों बेटियों ने हाल ही में झारखंड के रांची में आयोजित अंडर-15 स्टेट रेस्िलग चैंपियनशिप-2021 में सिल्वर व कांस्य पदक जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है और प्रदेशवासियों के अंदर कुश्ती के प्रति ललक पैदा की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इन बेटियों को अंतरराष्ट्रीय कुश्ती प्रशिक्षक, डाइट, जिम, प्रैक्टिस के लिए मैट व किट आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग की है। ताकि राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिभाओं को उभारकर उन्हें आगे ले जा सके। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश सरकार सुविधाएं उपलब्ध करवाए तो वो दिन दूर नही जब आने वाले समय मे यही बेटियां कॉमनव्हैल्थ व ओलंपिक्स में गोल्ड मैडल जीत कर प्रदेश के साथ साथ देश का नाम भी ऊंचा करेंगी। अब प्रदेश की बेटियां भी कुश्ती में दाखिला लेकर अपने सपने को साकार करने में जुटी हुई हैं।
इसे विडंबना कहे या जो नाम दे लें अभिभावक भी अपनी लड़कियों को कुश्ती में दाखिला दिलाने को आतुर हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल कुश्ती संघ के अध्यक्ष चन्दर मोहन, कार्यकारिणी अध्यक्ष संजय व महासचिव जगदीश कुमार की कड़ी मेहनत से कुश्ती का स्वरूप बदल रहा है। संघ कुश्ती को लगातार नई ऊंचाई की तरफ बढ़ा रहा है और रेस्िलग में बेहतर कदम उठाए जाने की प्रयासरत है। कौशल ने बातों-बातों में यहां तक कहा कि अगर प्रदेश सरकार इन खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया करवाए तो वह अपने निजी ख़र्चे पर एक एकेडमी खोलनें का प्रयास करगें ताकि खुशी व प्रेरणा जैसी बेटियां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।