आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश में मानसून से नुकसान का दौर जारी है। मानसून के कारण हुई दुर्घटना में मंगलवार को तीन मौतें हुईं। यह हादसा रामपुर-ननखड़ी सडक़ पर पांडाधार के पास शरण ढांक में हुआ, जहां भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुई सडक़ पर फिसलकर एक कार 400 मीटर नीचे खाई में जा गिरी, जिससे कार में सवार तीन लोगों की मौत हो गई। इन मौतों के साथ प्रदेश में मानसून के चलते मरने वालों का आंकड़ा 125 हो चुका है। उधर, जिला कुल्लू में बादल फटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है और मंगलवार को जिला के सेऊबाग में घझोरा नाले में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली। घझोरा नाले में बाढ़ के साथ आए मलबे से भूमि कटाव हुआ और मलबा कई घरों में घुस गया। बाढ़ से आस-पास के क्षेत्रों की जमीन और घरों व बगीचों को भारी नुकसान हुआ है। लगातार हो रही बारिश ने कोटरूपी की पहाड़ी से गुजरने वाले मंडी-पठानकोट एनएच-154 के किनारे बनी सडक़ के नीचे की ओर की मिट्टी का कटाव शुरू हो गया और कोटरूपी छह साल पुराना भयावह नजारा फिर दोहरा सकता है। तब कोटरूपी मेंं दो बसें जमींदोज हो गई थीं और उनमें सवार 48 यात्रियों की जमीन में दबने से मौत हो गई थी। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 682 सडक़ें अब भी बंद है। इनमें 408 सडक़ें शिमला जोन, 201 सडक़ें मंडी जोन, हमीरपुर जोन में 16 और कांगड़ा जोन में 57 सडक़ें अभी तक बंद है। इन सडक़ों के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही बंद है। मरीजों को अस्पताल पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा एचआरटीसी के भी सैकड़ों रूट अभी तक बंद है। प्रदेश में पेयजल की 5644 स्कीमें भी ठप पड़ी हुई हैं। इसके चलते राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपदा प्रंबधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अभी तक मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं में कुल 125 लोगों की जान जा चुकी है। 12 लोग लापता हंै और 147 लोग घायल है। 540 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं 4363 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 146 दुकानें और 1163 गौशालाएं ढह गई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में मानसून से हुए नुकसान का आंकड़ा 4,691 करोड़ पहुंच गया है। मौसम विभाग ने चार दिनों तक राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार मैदानी, मध्य व उच्च पर्वतीय जिलों के कई भागों में 19, 21, 22 व 23 जुलाई तक भारी बारिश का यलो अलर्ट है।
राज्य में 24 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। भारी बारिश की स्थिति में भू-स्खलन, अचानक बाढ़ और नदी-नालों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने की आशंका है। अलर्ट को देखते हुए स्थानीय लोगों, पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। संबंधित विभागों की ओर से जारी सलाह और दिशा-निर्देशों का पालन करें।