आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
21 फरवरी। बेजुवानों की मदद के लिए सदा तत्पर रहने वाली बिलासपुर नगर की महिला रामप्यारी ठाकुर इन दिनों चर्चा की विषय बनी हैं। आवारा एवं बेसहारा पशुओं के लिए दर्द महसूस करने वाली यह महिला आए दिन इनकी तिमारदारी में जुटी रहती है।
आवारा कुतों के बच्चे किसी गाड़ी के नीचे न आ जाएं इसके लिए उन्हें गोद में उठाकर घर लाकर बच्चों की तरह पालने में मशगूल रहने वाली राम प्यारी ठाकुर को बीते दिन जब नगर परिषद प्रांगण में एक कमजोर कुतिया दिखी तो उन्होंने इसके बारे पता किया। इस कुतिया का नसबंदी ऑपरेशन हुआ था लेकिन खाने को कुछ न मिलने के कारण इस मरण अवस्था में पड़ी थी।
बेजुवान का दर्द जानने वाली इस महिला ने तुरंत इसके लिए भोजन आदि का प्रबंध किया और सुबह शाम दोपहर इसे इनके खाने के अनुसार डाइड उपलब्ध करवाई। अब इस बेजुवान में जान आ गई है। इस किस्से को सांझा करते हुए रामप्यारी ने बताया कि उनसे पशुओं का दर्द देखा नहीं जाता है। लिहाजा इस प्रकार के काम कर उन्हें आत्मिक संतुष्टि मिलती है।
उल्लेखनीय है कि राम प्यारी ठाकुर के घर में वर्तमान में कुछ घायल पिल्ले उपचाराधीन हैं, जबकि कुछ पल रहे हैं। खास बात यह है कि इन सभी के भोजन दवाई आदि का खर्च रामप्यारी ठाकुर स्वयं वहन करती है। जबकि पशु पालन विभाग की ओर से भी उन्हें कोई शिकायत नहीं है।
रामप्यारी ठाकुर बताती हैं कि उन्होंने कितने की कुतों की नसबंदी करवाई है। जिसके लिए पशु पालन विभाग के आलाधिकारियों से लेकर अन्य चिकित्सकीय स्टाफ उनकी पूरी मदद करता है। रामप्यारी ठाकुर का कहना है कि यदि सरकार इन बेजुवानों के लिए शैड आदि की व्यवस्था कर दें तो वे उन्हें पालने के लिए तैयार हैं ताकि यह पशु दर-दर की ठोकरें खाने से बच जाएं।