आवाज़ ए हिमाचल
सुमित शर्मा,परवाणू
07 सितंबर।दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू की जीएसटी प्रवर्तन शाखा ने बीबीएन के एक बड़े उद्योग पर जीएसटी अधिनियम के तहत कार्यवाही करते हुए 62 करोड़ का कारण बताओ नोटिस भेजा है। यह नोटिस जीएसटी के कॉमन पोर्टल के माध्यम से उद्योग को तामिल कर दिया गया है। यह नोटिस 2017-18 से 2021-22 के वित्तीय वर्षों में पाई गई अनियमितताओं के लिए जारी किया गया है।
जानकारी के अनुसार उक्त औद्योगिक समूह के बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र के दो यूनिट एक ही जीएसटी नंबर पर पंजीकृत है, जोकि एक दूसरे से लगभग 10-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन दोनों यूनिट में यूनिट-1 से यूनिट-2 को जॉब वर्क के बिल काटे जाते है जिनको जीएसटी रिर्टन में एक्सेम्पटेड सप्लाई क्लेम किया जा रहा था। जीएसटी अधिनियम 2017 की धारा 17 की उप धारा (2) के तहत हर एक्सेम्पटेड, नील रेटेड, टैक्स फ्री सप्लाइस, नो जीएसटी का जो टर्नओवर बनता है उसे जीएसटी टैक्स, ब्याज एवं जुर्माना सहित स्वतः वापिस जमा करवाना पड़ता है। इस प्रकार उक्त इकाई का हर साल का एवरेज 14 से 16% टर्नओवर इस एक्सेम्पटेड सेल्स के तहत जांच में पाया गया। दिनांक 09.03.2022 से शुरू हुई जांच में इकाई को कई अवसर दिए गए व औद्योगिक इकाई का पक्ष विस्तृत रूप से जांच पड़ताल फाईल में दर्ज किया गया। इकाई को इस जीएसटी अधिनियम के तहत नोटिस ऑफ़ लिएबिलिटी इंटिमेशन भी जारी किया गया परन्तु उसके द्वारा अपने बचाव में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया।
इसके अलावा उसके इन्कम टैक्स से सम्बन्धित आयकर रिटर्न्स व अन्य विवरणियों को भी जांचा गया जिसमें औद्योगिक इकाई ने एक ही जीएसटीन के उपर दोनों यूनिटज़ की सेल अलग-अलग क्लेम की है जबकि एक जीएसटी नम्बर पर सेल टर्नओवर कॉमन ही होता है। 200 से 300 करोड़ का प्रतिवर्ष करोबार करने वाली कम्पनी से इस प्रकार की भारी अनियमितता
के कारणों को कम्पनी ने अभी तक प्रमाणित नहीं किया है। कम्पनी के अन्य राज्यों में 8 जीएसटीन सक्रिय हैं और जीएसटी लगने (जुलाई 2017) से अभी तक यह अनियमितता चलती रही, जिसे दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर जोकि एक उच्च प्रशिक्षित साईबर एक्सपर्ट है, ने आईटी टूल की मदद से इस केस को 09 मार्च,2022 को डिटेक्ट किया। इसी कड़ी में सीजीएसटी के चण्डीगढ़ व बद्दी डीजीजीआई विंग ने कम्पनी
के परिसरों पर तारीख 12.08.2022 को छापे मारे तथा राज्य सरकार के दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र परवाणू की टीम द्वारा अपना केस भी कार्यवाही के लिए अधिकृत कर दिया। इस प्रकार जांच के अंतिम बिन्दु की तरफ बढ़ते हुए आज उपरोक्त कम्पनी को ‘विस्तृत कारण बताओ नोटिस’ जारी कर दिया जिसे जीएसटी कॉमन पोर्टल पर करदाता के जीएसटीएन लेखा में जीडी ठाकुर संयुक्त आयुक्त राज्यकर एवं आबकारी, दक्षिण प्रर्वतन क्षेत्र, परवाणू के डिजिटल हस्ताक्षर से अपलोड कर दिया। अब 30 दिन के भीतर कम्पनी को अपना पक्ष क्रेडिबल लीगल एविडेंसस के साथ रखना होगा।
उक्त मामले कि पुष्टि करते हुए राज्य कर एवं आबकारी, दक्षिण प्रवर्तन क्षेत्र जीडी ठाकुर ने बताया कम्पनी द्वारा संतोषजनक उत्तर न देने की स्थिति में कम्पनी को 62 करोड़ की अतिरिक्त जीएसटी टैक्स, ब्याज व जुर्माने की राशि जमा करवानी पड़ेगी और यह आदेश
जीएसटी एक्ट की धारा 107 (1) के तहत मण्डल आयुक्त, शिमला के न्यायालय में अपील योग्य होगा।