बिहार की 71 सीटों के लिए 28 अक्तूबर होगा पहले चरण का विधानसभा चुनाव:जाने खास बातें

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आवाज़ ए हिमाचल

27 अक्टूबर।बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान 28 अक्तूबर को होने जा रहा है। कोरोना काल में होने वाला यह चुनाव देश में पहला चुनाव है। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पोलिंग पार्टियों को उनके बूथों की ओर रवाना किया जा रहा है। बुधवार को यहां पहले चरण में कुल 71 सीटों पर मतदान होना है।
28 अक्तूबर दिन बुधवार को 71 सीटों पर पहले चरण में मतदान होना है। दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 सीटों और तीसरे चरण में 7 नवंबर को 78 सीटों पर मतदान होगा। परिणाम 10 नवम्बर को घोषित किए जाएंगे।


पहले चरण में कुल 1066 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 114 महिला और 952 पुरुष हैं। 
इस चुनाव में करीब आठ मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है। सोमवार 26 अक्तूबर की शाम को प्रचार खत्म हो गया था।
28 अक्तूबर को सुबह आठ बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में धारा 144 भी लागू रहेगी।
सभी क्षेत्रों में 26 से 28 अक्तूबर के अपराह्न 4 बजे तक राजनीतिक प्रकृति के एकसाथ कई लोगों को एसएमएस भेजने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के अनुसार, कुल 375 या 35 फीसदी ने अपनी वित्तीय संपत्ति करोड़ों रुपये बताई है जबकि पांच उम्मीदवारों ने शून्य संपत्ति घोषित की है। उसके अनुसार विश्लेषण किए गए राजद के 41 उम्मीदवारों में से 30 (73 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले और 22 (54 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

* इन 71 सीटों पर होगा मतदान

औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, शेरघाटी, इमामगंज (एससी), बाराचट्टी, बोधगया, गया टाउन, जहानाबाद, घोसी, मखदुमपुर (एससी), गोह, ओबरा, नबीनगर, कुटुम्बा (एससी), कहलगांव, सुल्तानगंज, अमरपुर, धोरैया (एससी), बांका, कटोरिया (एसटी), बेलहर, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा, लखीसराय, शेखपुरा, बरबीघा, मोकामा, बाढ़, मसौढ़ी (एससी), पालीगंज, बिक्रम, संदेश, बड़हरा, आरा, अगिआंव (एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर, ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर (एससी), रामगढ़, मोहनियां (एससी), भभुआ, चैनपुर, चेनारी (एससी), सासाराम, करगहर, दिनारा, नोखा, डेहरी, काराकट, अरवल, कुर्था,   टेकारी, बेलागंज, अतरी, वजीरगंज, रजौली (सुरक्षित), हिसुआ, नवादा, गोविंदपुर, वरसलीगंज, सिकंदरा (एससी), जमुई, झाझा, चकाई।

* 30 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मैदान में उतर रहे 1,064 उम्मीदवारों में से 30 प्रतिशत से अधिक ने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट के अनुसार, 23 प्रतिशत या 244 उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। गंभीर आपराधिक मामले पांच साल से अधिक की सजा के साथ ही गैर-जमानती अपराध हैं। उसने बताया कि करीब 328 या 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के विश्लेषण किए गए 29 उम्मीदवारों में से 21 (72 फीसदी) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की सूचना दी हैं और 13 (45 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।


कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से लगभग 12 (57 प्रतिशत), जद (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 15 (43 प्रतिशत) और बसपा के 26 में से आठ उम्मीदवारों (31 प्रतिशत) ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, विशलेषण किए गए कांग्रेस के 21 उम्मीदवारों में से नौ (43 प्रतिशत), जद (यू) के 35 उम्मीदवारों में से 10 (29 प्रतिशत) और बसपा से विश्लेषण किए गए 26 उम्मीदवारों में से पांच (19 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
उसके अनुसार 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से तीन ने उनके खिलाफ बलात्कार से जुड़े मामले दर्ज होने की घोषणा की है।
पहले चरण के मतदान में कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार और शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा समेत राज्य सरकार के आठ मंत्रियों की किस्मत का फैसला होना है। पहले चरण में जिन अन्य मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है उनमें शैलेश कुमार, जय कुमार सिंह, संतोष कुमार निराला, रामनारायण मंडल, विजय कुमार सिन्हा एवं बृजकिशोर बिंद के नाम शामिल हैं।

अनंत सिंह पर रहेगी खास नजर पहले चरण के मतदान के दौरान मोकामा विधानसभा क्षेत्र पर खास नजर रहेगी। यहां से बाहुबली अनंत सिंह मैदान में हैं। अनंत सिंह पहले जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते थे। वे जेडीयू के विधायक भी थे। लेकिन नीतीश के महागठबंधन में शामिल होने के दौर में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के विरोध के कारण उन्हें पार्टी से बाहर जाना पड़ा। फिर, उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और मोकामा के विधायक बने। अब वे लालू प्रसाद यादव के साथ हैं। वे मोकामा से आरेजडी के प्रत्याशी हैं।

 

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