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अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। मंदिर न्यास बिलासपुर द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रही श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन प्रवचने करते हुए कथा वाचक पंडित हंस राज शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का विवेचन कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर किया। उन्होंने कहा कि भगवान ने आम जन को भय मुक्त करने के लिए तमाम दुखों और कष्टों को अपने उपर झेला है। उन्होंने कहा कि जो अपने बच्चों को यश देती है वह यशोद्वा है और जो आनंद देते हैं वे नंद यानि नंद बाबा है।
उन्होंने कहा कि जब कंस को यह पता चल गया कि उसकी मृत्यु का कारण देवकी के गर्भ से पैदा हो चुका है तथा सुरक्षित निकल भी गया है तो वह अत्यंत क्रोधित हुआ तथा बाल कृष्ण की हत्या करने की योजनाएं तैयार करने लगा। उन्होंने बालकाल में ही पूतना,कगासुर, बकासुर व कालिया नाग आदि आतातायियों का वध किया। वहीं इससे पूर्व बिलासपुर नगर के श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। बीती रात मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मकथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं का ऐसा सैलाब उमड़ा कि मंदिर में श्रद्धालुओं के बैठने को जगह कम पड़ गई। भगवान श्री कृष्ण जन्म के साथ ही भव्य भजन कीर्तन से सारा माहौल कृष्णमय हो गया। मंदिर न्यास द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
वीरवार को सुबह के समय हवन यज्ञ के साथ कार्यक्रम का समापन हो गया। इस अवसर पर मंदिर न्यास अधिकारी तहसीलदार सदर नरेश पटियाल ने हवन यज्ञ में आहुतियां डाली। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया।
मंदिर न्यास की ओर से शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो शहर की परिक्रमा करते हुए वापिस मंदिर में पहुंची। इसी बीच शहर के विभिन्न सेक्टरों में गोविंदाओं द्वारा मटकियां फोड़ी गई। श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम का भव्य लुत्फ उठाया। उन्होंने बताया कि इसी दौरान श्रीमद भागवत कथा का आयोजन भी किया गया जिसमें सात दिन कथावाचक हंसराज शर्मा द्वारा भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया गया।
तहसीलदार नरेश पटियाल ने बताया कि मंदिर परिसर के पिछली तरफ निर्माणाधीन सराय का काम जोरों पर है इसलिए विशाल भंडारे का आयोजन नहीं किया गया। बावजूद इसके मालपुड़े का भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।