आवाज ए हिमाचल
15 जनवरी। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण और हिमाचल में पर्यटन व्यवसाय को उड़ान देने वाली महत्वाकांक्षी बिलासपुर-मनाली-लेह रेललाइन का सिस्सू से मंडी तक जिओ फिजिकल सर्वे पूरा हो गया है। इस कार्य को पूरा करके रेलवे विभाग की टीम मंगलवार को मंडी पहुंची। बिलासपुर से मंडी तक का सर्वेक्षण पहले ही पूरा हो चुका है। अब फरवरी के मध्य तक लद्दाख के रोंग से सिस्सू तक का अंतिम सर्वे तुर्की के विशेषज्ञों की ओर से किए जाने की संभावना है। विदेशी टीम को भारत लाने के लिए रेलवे विभाग ने गृह मंत्रालय से फिर से संपर्क साधा है। लद्दाख के रोंग से लेकर सिस्सू तक भारी बर्फबारी के बीच सर्वेक्षण का काम रोका गया था। बर्फबारी के हटते ही कार्य को अंतिम रूप दिया जाएगा। रेलवे विभाग अभी अलाइनमेंट सर्वे को पूरा कर रहा है। यह पहाड़ों की बेसिस पर किया जा रहा है। (संवाद)
ईआरआई तकनीक से किया गया सर्वे
मंडी पहुंचे इंजीनियर परवेंद्र ने बताया कि इलेक्ट्रिकल्स रेसिस्टिविटी टोमोग्राफी विशेष मशीन से जिओ फिजिकल सर्वे किया गया है। विद्युत प्रतिरोधकता इमेजिंग (ईआरआई) जमीनी सतह से नीचे विद्युत प्रतिरोध माप से सतह संरचनाओं की इमेजिंग (तस्वीर) के लिए एक भू भौतिकीय तकनीक है। इससे यह पता लगाया जाता है कि किस सतह की कितनी भारक क्षमता है। कहां अधिक पानी है या जमीन धंसने वाली है।
केंद्र को भेजा जाएगा पूरा ब्योरा : हरपाल
उत्तर रेलवे परियोजना प्रमुख एवं मुख्य अभियंता हरपाल सिंह ने बताया कि पर्यटन और सामरिक दृष्टि से यह रेललाइन अहम होगी। रेलमार्ग पर साल भर बर्फबारी पर भी ट्रेनों की आवाजाही रहेगी। सर्दियों में लेह लद्दाख व लाहौल-स्पीति देश के अन्य भागों से नहीं कटेगा। पहाड़ों के बेसिस पर अभी अलाइनमेंट को पूरा कर रिफाइन किया जा रहा है। फरवरी मध्य तक तुर्की की टीम फाइनल सर्वेक्षण करेगी। फाइनल राउंड का सर्वेक्षण कर पूरा ब्योरा केंद्र को भेजा जाएगा।