आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।
4 मार्च। बिलासपुर के जिला उपायुक्त पंकज राय ने आज वर्चुअल माध्यम से जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान तथा स्कूलों के प्रधानाचार्य, अध्यापकों व चयनित स्कूलों के बच्चों के साथ ‘खेल-खेल में स्वच्छता का पाठ’ कार्यक्रम पर वेबीनार आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि ‘एक दिन स्वच्छता के नाम’ से हर माह जिला में एक दिन सफाई अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत जिला की 176 पंचायतें, 4 नगर परिषद और नगर पंचायतों में 10 मार्च को सफाई अभियान आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने स्कूल के सभी प्रधानाचार्य व शिक्षकों से आग्रह किया कि अभियान के दौरान छात्रों के स्वास्थ्य का पूर्णतया ध्यान रखते हुए उचित मास्क, गलब्ज दें और किसी भी दुर्घटना संभावित क्षेत्र में न भेजे।
उन्होंने कहा कि 17 से 23 मार्च तक आयोजित किए जाने वाले नलवाड़ी मेला में स्वच्छता अभियान में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले छात्रों और स्कूलों को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने आहवान किया कि जितने भी स्वच्छता से संबंधित पोस्टर, बैनर, पेटिंग को स्वच्छ भारत मिशन के साथ जोड़कर प्रदर्शित किया जाएगा।
बच्चों को सम्बोधित करते हुए उपायुक्त पंकज राय ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सूखा, गिला, रसायनिक कचरा अलग-अलग करना व उसका सही ढंग से निष्पादन करना महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि गिला कूडे व सूखे कूडे के निष्पादन करने के तरीके अलग-अलग है जिसकी जानकारी सभी को होना अनिवार्य है। सभी बच्चें अपने स्कूल और घर में कूड़ा पृथक करने के कदम को अपनाते हुए कूड़ा निष्पादन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
उन्होंने सभी अध्यापकों और प्रधानाचार्यों को आहवान किया कि वे छात्रों को इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें प्लास्टिक बोतलों से खिलौने व अन्य सजावट की सामग्री तैयार करना सिखाए। उन्हें तरल व ठोस कचरा को अलग-अलग करने के प्रति जागरूक करते हुए छात्रों को तरल कूडा जैसे मूंगफली, केले का छिलका व सब्जियों का कूडा और सूखा कूड़ा जैसे टाॅफी व चिप्स का कागज को पृथक करने के तरीके भी सिखाएं।
वेबीनार के दौरान घुमारवीं, कोठीपुरा, कोटला, दगड़ाहन आदि स्कूलों के बच्चों, प्रधानाचार्य और अध्यापकों ने कूड़े के निष्पादन के लिए स्कूलों में अपनाई जा रही विभिन्न गतिविधियों तथा स्कूलों में किए जा रहे काम के बारे अपने विचार साझा किए।
उपायुक्त ने उक्त कार्यक्रम के बारे में बच्चों की उत्सुकता तथा प्रतिक्रिया पर खुशी व्यक्त की और भविष्य में इस कार्य को बेहतर तरीके से करने के लिए प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि अध्यापक जिला में कूड़ा फैंकने के हाॅट-स्पाॅट को साफ सुथरा रखने के लिए छात्रों और अभिभावकों का सहयोग लें ताकि जिला को स्वच्छ बनाया जा सके।
उन्होंने बताया कि कचरे की समस्या से सामाजिक परवेश को साफ-सुथरा रखते हुए आने वाली पीढ़ियों के जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को सिखाएं की वे अपने आस-पास के स्थानों को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के लिए अपने अभिभावकों के साथ पर्यावरण संरक्षण में मदद करें। वेबीनार के दौरान हिमाचल प्रशासनिक सेवा परीवीक्षार्थी ओशिन शर्मा, डाईट के प्रधानाचार्य सहित विभिन्न स्कूलों के अध्यापक व प्रधानाचार्य तथा बच्चें जुडे़।