जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम पर 99.27 लाख रुपए हुए खर्च, जननी सुरक्षा योजना पर 26.87 लाख व्यय
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।
18 अप्रैल। प्रदेश सरकार ने बीते 4 वर्षों में प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की है। केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं को जन जन तक प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ी केंद्र की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाएं हों या मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अगुआई में प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न योजनाएं, सभी को पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने का कार्य तत्परता से किया जा रहा है। सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई सहारा और हिमकेयर जैसी योजनाएं लोगों के लिए वरदान साबित हुई है। सभी जिलों में योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है।
इसी कड़ी में बिलासपुर जिला का स्वास्थ्य विभाग भी विभिन्न योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के कार्य में प्रयासरत है। वर्तमान सरकार द्वारा चलाई गई सहारा योजना के तहत अभी तक जिला में गंभीर बीमारी से पीड़ित 1435 लाभार्थी मरीजों को योजना के दायरे में लाया गया है। इसके तहत पीड़ित मरीजों को 3.84 करोड़ रुपए की राशि भी अभी तक योजना के शुरू होने के पश्चात वितरित कर दी गई है। इससे गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों को अपने इलाज का मासिक विभिन्न तरह का खर्च उठाने में आसानी हो रही है। पार्किंसन, लकवा, थैलेसीमिया, गुर्दे की विफलता, कैंसर, हीमोफीलिया और लगातार बिस्तर पर रहने वाले मरीजों के लिए इस योजना का लाभ दिया जा रहा है जोकि ऐसे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है।
इसी तरह वर्तमान सरकार द्वारा चलाई जा रही हिमकेयर योजना जिला में सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। योजना के शुरू होने के बाद जिला में 3558 लोगों ने योजना के तहत मुफ्त कैशलैस ईलाज करवाया है। इस पर सरकार द्वारा 74.52 लाख रुपए वहन किए गए हैं। योजना के तहत एक परिवार के 5 लोगों को साल में 5 लाख रुपए तक का मुफ्त उपचार किया जा रहा है। हाल ही प्रदेश सरकार में बजट में कार्ड की वैद्यता को तीन साल तक करने का निर्णय लिया है। जिला के लोग इस कार्ड को बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं
इस कार्ड के दायरे में वही लोग आते हैं जो आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर नहीं होते। आयुष्मान भारत योजना की तर्ज पर ही हिम केयर कार्ड प्रदेश सरकार द्वारा बनाया जाता है। वहीं केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना भी जिला में सफलतापूर्वक क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना में वर्ष 2018 के पश्चात अभी तक 1170 लोगों को 28.46 लाख की लागत का मुफ्त इलाज मरीजों को प्रदान किया गया है।
महिलाओं से संबंधित स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ पात्र महिलाओं को जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किया जा रहा है। जननी सुरक्षा योजना के तहत वर्ष 2018 के पश्चात 3374 लाभार्थी महिलाओं को 26.87 लाख रुपए की राशि वितरित की गई है। वर्ष 2019 के पश्चात इस योजना का नाम बदलकर जननी सुरक्षा योजना प्लस किया गया है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली, अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं जिसने अपना नाम स्वास्थ्य संस्थान में दर्ज किया हो और संस्थागत प्रसव करवाया हो उनको इसके तहत 1100 रुपए प्रदान किए जाते हैं। बीपीएल परिवार से संबंध रखने वाली महिला को घर पर प्रसव के चलते 500 रुपए दिए जा रहे हैं।
जननी सुरक्षा कार्यक्रम में जिला में 7826 महिलाओं को 99.27 लाख रुपए की राशि वितरित की गई है। शून्य से 1 साल तक के बच्चे के लिए योजना के तहत 10380 बच्चों को 1.72 लाख रुपए की राशि व्यय की गई है। इस योजना में गर्भ ठहरने से प्रसूति होने के 42 दिन तक महिला को मुफ्त प्रसव सुविधा, मुफ्त दवाइयां, खाना और परिवहन आदि की सुविधा दी जा रही है। शिशु के 1 की आयु तक बीमार होने की स्थिति में मुफ्त उपचार किया जाता है।
इंदिरा गांधी बाल बालिका सुरक्षा योजना के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जिला में 1 बेटी वाले पात्र 4 दंपत्ति को 1.40 लाख वितरित किए गए हैं। दो बेटी वाले 45 दंपत्ति को 11.20 लाख रुपए वितरित किए गए हैं। एक बेटी और दो बेटी पर ऑपरेशन करने के पश्चात क्रमश 35 हजार और 12500 प्रति बेटी प्रदान किए जा रहे हैं। पहले यह राशि एक बेटी पर 25 हजार और दो बेटी पर 10-10 हजार रुपए थी।
इसी तरह वर्तमान सरकार ने अटल आशीर्वाद योजना के तहत नवजात 9372 शिशुओं को जिला में संस्थागत प्रसव पर जरूरी सामान की किट उपलब्ध करवाई जा रही है। वहीं निक्षय पोषण योजना में 3211 टीबी रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पोषण के लिए राशि प्रदान की गई है। वर्तमान सरकार 72.38 लाख इसके तहत व्यय कर चुकी है। प्रदेश सरकार जिला बिलासपुर के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील है, इसके चलते समय समय पर प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग की जनकल्याणकारी नीतियों को लगातार जिला बिलासपुर में लाभार्थियों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।