आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
01 अक्टूबर।देवी जोगी बंधन मुक्त हुआ करते हैं, समय और प्रतीक्षा की घडियां इन्हें नहीं बांध सकतीए ये द्वार नहीं तो कोई अन्य द्वार सही, माता जानकी को चुराने आए रावण ने जब यह संवाद प्रस्तुत किए तो समूचा पंडाल तालियों की।गडगड़ाहट से गूंज उठा। रावण का अभिनय कर रहे वरिष्ठ कलाकार बृजेश कौशल के दमदार अभिनय के सभी कायल दिखे। नगर परिषद बिलासपुर के प्रांगण में चल रही राम लीला के पांचवें दिन इस दृश्य को देखने के लिए दूरदराज के क्षेत्रों से लोग पंडाल में पहुंचे थे। रावण ने छदम वेष में सीता का हरण किया।
इस दृश्य को मंच सज्जा के कार्यकर्ताओं ने सजाने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी थी, उस पर सुनील पंवर और मनोज गागट के लाईट इफेक्ट ने पंचवटी के सौंदर्य को और सुंदर बनाया। वहीं सीता हरण के पश्चात राम व लक्ष्मण जब पंचवटी वापिस लौटे तो सीता को वहां न पाकर अधीर हो गए। पत्नी के रखो जाने
की व्याकुलता को राम बने नवीन सोनी बड़ी शिद्दत से निभाया जबकि लक्ष्मण बने रिशु शर्मा को भावनात्मक एवं रोष पूर्ण किरदार देखने लायक था। मंचन के अगले दृश्यों में जटायू वध तथा भगवान राम और लक्ष्मण का लौटना दिखाया
गया। जानकी की खोज में जब दोनो भ्राता आगे के लिए कूच करते हैं तो मंतग ऋषि के आश्रम को संभाल रही शबरी से प्रभु राम व लक्ष्मण से भेंट होती है। शबरी प्रभु राम का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें ऋष्यमूक पर्वत पर सुग्रीव से भेंट करने का आग्रह करती है। इसी बीच उनकी मैत्री हनुमान से होती है।हनुमान जी उन्हें अपने राजा सुग्रीव के पास ले जाते हैं। भगवान राम इस
दृश्य में पूरा वृतांत सुनने के लिए पंपापुर नरेश बाली का वध कर देते हैं तथा राजपाठ चलाने के लिए सुग्रीव को अधिकृत करते हैं।
इस दृश्य मे नवोदित कलाकार विक्रांत परमार ने अपने किरदार से भरपूर न्याय किया। इस संध्या में राम का अभिनय नवीन सोनी, लक्ष्मण का रिशु शर्मा, सीता का पारस गौतम,
जटायू शुभम, सुग्रीव गिरीश, शबरी रिंपी, साधु राजेंद्र चंदेल, दधिबल रोहन प्रीत और हनुमान बने गोपी ने अपने किरदार को बखूबी निभाया।