आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। जिला अस्टाम विक्रेता संघ की बैठक अमरजीत की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में संघ का गठन किया गया तथा नई कार्यकारिणी बनाई गई। जिसमें सर्वसम्मति से श्याम लाल को प्रधान चुना गया जबकि बलदेव सिंह को उपप्रधान, महासचिव व कोषाध्यक्ष का कार्यभार संजू को सौंपा गया। शमीम अहमद को मुख्य सलाहकार व संजीव कुमार को सलाहकार बनाया गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में अमरजीत, जोध सिंह, बोहरू राम, सुरेश कुमार, बिशन दास डोगरा, राजेश कुमार, हंसराज, पदम देव, अनिल कुमार, गोपाल कपिल, हेमराज, रजत कुमार, पंकज शर्मा को शामिल किया गया।
इस मौके पर संघ के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने सरकार द्वारा प्रस्तावित ई-स्टैंपिंग पाॅलिसी का एक स्वर में विरोध किया। नवनियुक्त प्रधान श्याम लाल ने बताया कि सरकार की नजर अब अस्टाम विक्रेताओं की रोजी रोटी पर है। क्योंकि निजी कंपनी के अधीन अस्टाम विक्रेताओं को लाकर उनके हितों के साथ अनदेखी करने पूरा खाका सरकार द्वारा तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी अस्टाम विक्रेता इस पाॅलीसी के खिलाफ है तथा सरकार से मांग की जाती है कि
इस व्यवस्था को पुराने तरीके से ही चलने दिया जाए ताकि इस वर्ग की रोजी रोटी न छिन सके।
उन्होंने कहा कि कंपनी की नीति से अस्टाम विक्रेता संतुष्ट नहीं है, क्योंकि इससे अस्टाम विक्रेताओं के रोजगार पर विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि वर्तमान में मुख्यालय बिलासपुर, घुमारवीं, कलोल, भराड़ी, नम्होल, स्वारघाट, झंडूता में करीब 25 लोग अस्टाम विक्रेता हैं तथा यदि ऐसा होता है तो इनके परिवारों पर भी संकट मंडरा जाएगा।
सभी अस्टाम विक्रेताओं ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू तथा राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से मांग की है कि इस मामले पर गंभीरता से गौर करें तथा अस्टाम विक्रेताओं को पुरानी पाॅलिसी पर ही काम करने की इजाजत दें। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि शीघ्र ही अस्टाम विक्रेता संघ का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त बिलासपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित करेगा।