बिलासपुर: चेन्नई में ईजात नई तकनीक ई-पारवाई ऐप की स्टडी के लिए टीम 27 को होगी रवाना

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  • ई-पारवाई ऐप को अडॉप्ट करने की तैयारी में जिला प्रशासन
  • -अतिरिक्त उपायुक्त डा. निधि पटेल कर रही तकनीक की स्टडी
  • -मोतियाबिंद के शिकार लोगों के पहचान करने में होगी आसानी

आवाज़ ए हिमाचल  

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। तमिलनाडू सरकार द्वारा ईजाद की गई नई तकनीक ई-पारवाई ऐप को हिमाचल में अडॉप्ट करने की तैयारी चल रही है। इस संदर्भ में बिलासपुर जिला प्रशासन अतिरिक्त उपायुक्त डॉक्टर निधि पटेल की अध्यक्षता में इस तकनीक पर पहले कई महीनो से स्टडी कर रहा है। जिसे अमली जामा पहनाने के लिए 27 अगस्त को अतिरिक्त उपायुक्त डॉ निधि पटेल की अगुवाई में टीम चेन्नई रवाना हो रही है। टीम 28 और 29 अगस्त को यहां पर इस ऐप की शोध पत्र और तकनीक के बारे में जानकारी एकत्र करेगी और ऐप का परीक्षण के लिए तमिलनाडु राज्य अंधता नियंत्रण सोसायटी के सहायता से फील्ड विजिट भी करेगी।

यह नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड सॉफ्टवेयर ऐप है जिसे मोबाईल पर डाउनलोड कर स्वास्थ्य कर्मचारी घर घर जाकर लोगों की आंखों को स्कैन करेंगे जिससे मोतियाबिंद रोग की पहचान में आसानी होगी। यदि टीम इस ऐप के कार्य प्रणाली से संतुष्ट हुई तो इस तकनीक को अडॉप्ट किया जाएगा। इसे जिला बिलासपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा।

तमिलनाडू सरकार की ई-गवर्नेंस सोसायटी के सीईओ प्रवीण नायर वर्तमान में इस प्रोजेक्ट को देख रहे हैं। इससे पहले संतोष के. मिश्रा सीईओ थे जिन्होंने इस तकनीक को ईजाद किया है और यह प्रोजेक्ट वहां पर सक्सेस है। बिलासपुर की अतिरिक्त उपायुक्त ने सीईओ से बात की है। अतिरिक्त उपायुक्त ने इस तकनीक के बारे में उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक को भी अवगत करवाया है और उपायुक्त ने भी इसमें खासी दिलचस्पी ली है। ऐप अडॉप्ट करने के बाद मोतियाबिंद रोग के शिकार लोगों की पहचान के लिए सर्वेक्षण करवाया जाएगा। यह सर्वे आशा वर्कर्स व हेल्थ वर्कर्स से करवाए जाने की योजना है। यह ऐप वर्कर्स अपने मोबाईल पर डाउनलोड करेंगी और ट्रेनिंग के बाद घर घर जाकर लोगों की आंखें स्कैन करेंगी जिससे मोतियाबिंद होने का पता चल सकेगा जिससे घरद्वार पर ही लोगों का उपचार करवाया जाएगा। क्योंकि वर्तमान मे मोतियाबिंद का शिकार लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसलिए नई तकनीक इस रोग की पहचान करने में सहायक साबित होगी और लोगों को भी घरद्वार पर ही बेहतर उपचार की सहूलियत उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि तमिलनाडू सरकार में ई-गवर्नेंस सोसायटी के सीईओ की निगरानी में नई तकनीक के जरिए कार्य चल रहा है। निश्चित रूप से इस तकनीक का यहां लोगों को लाभ होगा।

टीम के सदस्य
अतिरिक्त उपायुक्त बिलासपुर डॉ निधि पटेल सहित एसडीएम सदर अभिषेक गर्ग, डॉक्टर ईशानी गुप्ता और जिला आपदा केंद्र में कार्यरत आईटी अस्सिटेंट चंदन इस टीम का हिस्सा होंगे।

 

क्या है ई-पार वाई ऐप

तमिलनाडू सरकार द्वारा ईजात नया ई-पारवाई ऐप एक कैटारेक्ट डिटैक्शन एंड स्क्रीनिंग सिस्टम है। इस सिस्टम के जरिए लोगों की आंखों में मोतियाबिंद रोग की पहचान की जा सकेगी। तमिलनाडू राज्य में यह तकनीक शत प्रतिशत सफल है। कर्मचारी अपने मोबाईल पर इस ऐप को डाउनलोड करेंगे और घर घर जाकर लोगों की आंखें स्कैन करेंगे जिससे मोतियाबिंद की पहचान की जा सकेगी। प्रशासन की योजना है कि मोतियाबिंद के शिकार लोगों का घरद्वार ईलाज करवाया जाएगा।

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